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क्या भारत-कनाडा के बीच राजनयिक तनाव का असर व्यापारिक संबंधों पर भी पड़ेगा? जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: September 19, 2023 14:00 IST

भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय व्यापार हाल के वर्षों में उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है, जो 2022-23 में 8.16 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। विशेषज्ञों का मानना है कि तनावपूर्ण राजनयिक संबंधों का असर दोनों देशों के बीच व्यापार तथा निवेश पर पड़ने की संभावना नहीं है।

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ठळक मुद्देभारत और कनाडा के बीच राजनयिक स्तर पर तनाव इस समय चरम पर हैदोनों देशों के व्यापारिक संबंधों पर भी असर की चिंता जताई जा रही हैविशेषज्ञों का मानना है कि व्यापारिक संबंधों पर असर नहीं होगा

नई दिल्ली: भारत और कनाडा के बीच राजनयिक स्तर पर तनाव इस समय चरम पर है।  खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से भारत के "संभावित" संबंध के आरोपों का हवाला देकर एक भारतीय अधिकारी को कनाडा से निष्कासित कर दिया गया। कनाडा के इस फैसले के कुछ ही घंटे बाद भारत ने एक कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने की मंगलवार को घोषणा की।

अब मौजूदा स्थिति में ये सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या इस तनाव पूर्ण माहौल से दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों पर भी असर पड़ेगा? विशेषज्ञ इससे सहमति नहीं रखते कि राजनयिक तनाव का असर व्यापारिक संबंधों पर पड़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि  आर्थिक संबंध व्यावसायिक विचारों से प्रेरित होते हैं, इसलिए  तनावपूर्ण राजनयिक संबंधों का असर दोनों देशों के बीच व्यापार तथा निवेश पर पड़ने की संभावना नहीं है।

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि व्यापार संबंध बढ़ते रहेंगे और दिन-प्रतिदिन की घटनाओं से प्रभावित नहीं होंगे। हालांकि कुछ राजनीतिक घटनाक्रमों के कारण दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता रुक गई है।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 सितंबर को कनाडा के अपने समकक्ष जस्टिन ट्रूडो को कनाडा में चरमपंथी तत्वों की निरंतर भारत विरोधी गतिविधियों को लेकर भारत की चिंताओं से अवगत कराया था जो अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं, देश के राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़का रहे हैं और वहां भारतीय समुदाय को धमकियां दे रहे हैं। 

भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय व्यापार हाल के वर्षों में उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है, जो 2022-23 में 8.16 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। कनाडा को भारत के निर्यात (4.1 अरब अमेरिकी डॉलर) में दवाएं, रत्न, आभूषण, कपड़ा तथा यंत्र शामिल हैं, जबकि कनाडा के भारत को निर्यात (4.06 अरब अमेरिकी डॉलर) में दालें, लकड़ी, लुगदी, कागज तथा खनन उत्पाद शामिल हैं।

निवेश पर  अजय श्रीवास्तव ने कहा कि भारत के बड़े बाजार तथा निवेश पर अच्छे मुनाफे के चलते कनाडाई पेंशन कोष भारत में निवेश जारी रखेंगे। मुंबई स्थित निर्यातक एवं टेक्नोक्राफ्ट इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ ने कहा कि भारत और कनाडा के रिश्तों की मौजूदा स्थिति निश्चित रूप से चिंता का कारण है। सराफ ने कहा, "हालांकि द्विपक्षीय व्यापार पूरी तरह से व्यावसायिक विचारों से प्रेरित है। राजनीतिक उथल-पुथल की प्रकृति अस्थायी है और इसे व्यापार संबंधों को प्रभावित करने का कारण नहीं बनाया जाना चाहिए।" उन्होंने कहा कि चीन के साथ भी भारत के रिश्ते तल्ख हैं लेकिन द्विपक्षीय व्यापार लगातार अच्छा बना हुआ है।

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