बिहार में क्या आर्थिक घाटे को दूर करने के लिए नीतीश सरकार फिर से शराब की बिक्री शुरू करेगी! अटकलों का बाजार है गर्म
By एस पी सिन्हा | Published: May 9, 2020 06:49 PM2020-05-09T18:49:32+5:302020-05-09T18:49:32+5:30
कोरोना काल में जिसतरह से अन्य प्रदेशों में शराब की बिक्री से सरकारी राजस्व की जबर्दस्त प्राप्ति हुई है. इससे कई राज्य गदगद हैं.
पटना: बिहार में की गई शराबबंदी कानून मेम क्या फिर से संशोधन किया जायेगा? ऐसा राज्य में अटकलों का बाजार गर्म है. चर्चा है कि राज्य की आर्थिक घाटा को कम करने के लिए बिहार में फिर से शराब बिक्री की शुरू की जा सकती है? बिहार में 37 प्रतिसत राजस्व वसूली शराब से होती थी. ऐसे में सरकार पहले से घाटे में थी और अब कोरोना महामारी की वजह से बिहार की आर्थिक स्थिति और भी कमजोर होती जा रही है. जिस वजह से सरकार के सामने यह प्रस्ताव आया है.
सूत्रों की अगर मानें तो कोरोना की वजह से हुए बिहार के वित्तीय घाटे को कम करने के लिए बिहार सरकार के सामने शराब की बिक्री दोबारा चालू करने का प्रस्ताव रखा गया है. जिसपर सरकार विचार कर रही है. हालाकि अधिकारिक तौर पर या फिर सरकार की ओर से अभी इसपर कोई बोलने को तैयार नही है.
दरअसल, कोरोना काल में जिसतरह से अन्य प्रदेशों में शराब की बिक्री से सरकारी राजस्व की जबर्दस्त प्राप्ति हुई है. इससे कई राज्य गदगद हैं. अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार ने भी राज्यों को शराब बेचने की छूट दे दी है. जिसके बाद सभी राज्य सरकार रणनीति के तहत शराब बेच रही है. इसी बीच छत्तीसगढ़ और पंजाब ने शराब की ऑनलाइन होम डिलीवरी शुरू की है.
दोनों राज्यों के इस पहल के बाद माना जा रहा है कि अन्य राज्यों में भी ऑनलाइन होम डिलीवरी शुरू हो. ऐसे में जानकारों का कहना है बिहार में भी नीतीश सरकार का मन अब डोलने लगा है. वैसे भी बिहार में शराबबंदी के बावजूद भी करोडों रूपये के अवैध शराब की बिक्री की जा रही है. माफियाओं के द्वारा तो बजाप्ता होम डिलीवरी के माध्यम से शराब की खेपें पहुंचाई जा रही हैं. इससे शराब के शौकीन ज्यादा पैसे देकर भी उसका आनंद उठा रहे हैं.
इस स्थिति में अगर सरकार फिर से बैकफूट पर जाकर शराब की बिक्री की इजाजत कुछ शर्तों के साथ देती है तो इससे न केवल राजस्व की प्राप्ति होगी बल्कि माफियाओं की कमर टूट जायेगी. यहां बता दें की कोरोना महामारी से उत्पन्न आर्थिक घाटा से उबरने के लिए दूसरे राज्यों ने अतिरिक्त टैक्स के साथ शराब की दुकानें खोल दी है.