क्या पंजाब में तीसरा फ्रंट खड़ा करेंगे नवजोत सिंह सिद्धू?

By बलवंत तक्षक | Published: July 22, 2019 08:09 AM2019-07-22T08:09:27+5:302019-07-22T08:09:27+5:30

क्या सिद्धू की भाजपा के साथ फिर से कोई सुलह हो सकती है? इस्तीफा मंजूर होने के बाद से ही ऐसे सवाल सत्ता के गलियारों में तैर रहे हैं. इन सवालों के जवाब देने के बजाए सिद्धू ने फिलहाल चुप्पी साधे रखना ही बेहतर समझा है.

Will Navjot Singh Sidhu stand the third front in Punjab? | क्या पंजाब में तीसरा फ्रंट खड़ा करेंगे नवजोत सिंह सिद्धू?

कांग्रेस में शामिल होने के बाद भी सिद्धू की मुख्यमंत्री बनने की इच्छा कमजोर नहीं पड़ी है. वे लगातार कैप्टन से पंगा लेते रहे हैं.

Highlightsकांग्रेस आलाकमान की तरफ से कोई सुनवाई नहीं होने करने से भी सिद्धू काफी आहत हैं. ऐसे में यह भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या सिद्धू अब कांग्रेस को भी अलविदा कहेंगे?

क्या पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब में तीसरा फ्रंट खडा करेंगे? कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा मंजूर होने के साथ ही सियासी हलकों में सिद्धू के राजनीतिक भविष्य को लेकर इस तरह के सवाल उठने लगे हैं. सिद्धू अपना महकमा बदले जाने से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से तो नाराज थे ही, कांग्रेस आलाकमान की तरफ से कोई सुनवाई नहीं होने करने से भी वे काफी आहत हैं.

ऐसे में यह भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या सिद्धू अब कांग्रेस को भी अलविदा कहेंगे? पंजाब के राजनीतिक गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या आम आदमी पार्टी (आप) और प्रदेश के दूसरे छोटे-छोटे दलों की ओर से मिले न्योते को स्वीकार कर सिद्धू राज्य में कोई तीसरा फ्रंट खड़ा करेंगे? क्या सिद्धू की भाजपा के साथ फिर से कोई सुलह हो सकती है? इस्तीफा मंजूर होने के बाद से ही ऐसे सवाल सत्ता के गलियारों में तैर रहे हैं. इन सवालों के जवाब देने के बजाए सिद्धू ने फिलहाल चुप्पी साधे रखना ही बेहतर समझा है.

भाजपा छोड़ने के बाद दो साल पूर्व, कांग्रेस में शामिल होने से पहले आम आदमी पार्टी ने सिद्धू से अपने साथ आने की पेशकश की थी, लेकिन सिद्धू मुख्यमंत्री बनना चाहते थे. उनकी इस पेशकश को आप ने तब स्वीकार नहीं किया था. सिद्धू की महत्वकांक्षाओं को देखते हुए भाजपा ने उन्हें पार्टी में हाशिये पर डाल दिया था. इससे आहत सिद्धू ने भाजपा छोड़ दी थी.

बड़ी जिम्मेदारी मिलने की संभावना

कांग्रेस में शामिल होने के बाद भी सिद्धू की मुख्यमंत्री बनने की इच्छा कमजोर नहीं पड़ी है. वे लगातार कैप्टन से पंगा लेते रहे हैं. इस दौरान कई ऐसे मौके आए जब सिद्धू ने खुद को कैप्टन के बराबर खड़ा दिखाने के लिए मुख्यमंत्री की अवहेलना की. ऐसा नहीं है कि कांग्रेस आलाकमान सिद्धू की महत्वकांक्षाओं से अनजान है. हो सकता है, उन्हें पार्टी में बनाए रखने के लिए कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दे दे. लेकिन अभी सारा कुछ भविष्य के गर्भ में है.

Web Title: Will Navjot Singh Sidhu stand the third front in Punjab?

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