नयी दिल्लीः केन्द्र सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि एक अंतरराष्ट्रीय पत्रिका की यह दावा करने वाली खबर ‘विशुद्ध काल्पनिक’’ है कि भारत में कोविड-19 से हुई मौतों की संख्या आधिकारिक आंकडों से कहीं अधिक हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने एक लिखित प्रश्न के उत्तर में कहा कि अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ने जनवरी 2022 में अपनी एक खबर में कोविड-19 से मौत के आधिकारिक आंकड़ों से कहीं अधिक मौत होने का अनुमान लगाया है। मंत्री ने आंकड़ों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि रिपोर्ट विशुद्ध काल्पनिक है जिसमें अतिरिक्त मौतें होने के अनुमानों की गणना के लिए गैर-मान्य तरीके का इस्तेमाल किया गया था और इसमें वैज्ञानिक आंकडों की समीक्षा भी नहीं थी।’’ मंत्री ने कहा कि ‘प्रोजेक्ट: जीवन रक्षा’ द्वारा अक्टूबर 2021में जारी एक रिपोर्ट में भी इसी प्रकार की खामियां थीं।
गौरतलब है कि जनवरी में साइंस जर्नल ने कोविड से जुड़ी मौतों का आंकड़ा बताते हुए रिपोर्ट में लिखा था कि भारत में कोविड-19 से पिछले साल सितंबर तक करीब 32 लाख लोगों की मौत हुई होगी, जो आधिकारिक रूप से दर्ज आंकड़ों से छह-सात गुना अधिक है। एक स्वतंत्र एवं दो सरकारी डेटा स्रोतों पर आधारित एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। प्रकाशित हुए अध्ययन में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मार्च 2020 से जुलाई 2021 तक राष्ट्रीय स्तर पर किए गए एक सर्वेक्षण का उपयोग किया गया। सर्वेक्षण में 1,37,289 वयस्कों को शामिल किया गया था।
कनाडा के टोरंटो विश्वविद्यालय के प्राध्यापक प्रभात झा के नेतृत्व में यह शोधकार्य किया गया था। शोधकर्ताओं के एक अंतरराष्ट्रीय दल ने पाया कि कोविड-19, जून 2020 से जुलाई 2021 के बीच 29 प्रतिशत मौतों के लिए जिम्मेदार था, जो 32 लाख मौतें हैं और इनमें से 27 लाख मौतें अप्रैल-जुलाई 2021 में हुई। अध्ययन में कहा गया कि ‘विश्लेषण में पाया गया कि भारत में कोविड से सितंबर 2021 तक हुई कुल मौतों की संख्या आधिकारिक रूप से दर्ज आंकड़ों से छह-सात गुना अधिक है।’ इस बात को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार को घेरा था और सरकार पर कोरोना आंकड़ों को छिपाने का आरोप लगाया था।