Bharat Ratna:भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। इसकी सिफारिश स्वयं प्रधानमंत्री राष्ट्रपति से करते हैं, जिसपर राष्ट्रपति अपनी सहमति देते हैं। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी, 1954 में भारते के पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने की। भारत रत्न को राष्ट्र के लिए उत्कृष्ट सेवा देने वाले प्रतिष्ठित लोगों को इससे नवाजा जाता है। आज यानी शनिवार को पूर्व भाजपा अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा की।
किसी भी क्षेत्र में अपनी अमूल्य भागीदारी पेश करने वाले खिलाड़ी हो या कलाकार या फिर राजनीतिक हस्ती को यह पुरस्कार दिया जाता है। पुरस्कार प्रदान किए जाने पर, राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एक प्रमाण पत्र और एक पदक प्राप्तकर्ता को दिया जाता है। इसके लिए किसी आधिकारिक सिफारिश की आवश्यकता नहीं होती है।
अन्य पुरस्कारों के समान इस सम्मान को भी नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। प्रारम्भ में इस सम्मान को मरणोपरान्त देने का प्रावधान नहीं था, यह 1955 में जोड़ा गया। बाद में 14 व्यक्तियों को यह सम्मान मरणोपरान्त प्रदान किया गया।
मूल रूप में इस सम्मान के पदक का डिजाइन 35 मिमि गोलाकार स्वर्ण मैडल था। जिसमें सामने सूर्य बना हुआ था, ऊपर हिन्दी में भारत रत्न लिखा और नीचे पुष्प था। पीछे की तरफ राष्ट्रीय चिह्न और थीम थी। पदक के डिजाइन को बदल कर तांबे से बने पीपल के पत्ते पर प्लेटिनम का चमकता सूर्य बना दिया गया। जिसके नीचे चांदी में "भारत रत्न" लिखा रहता है।
वो सभी सुविधाएंइस सम्मान में कोई भी धनराशि नहीं दी जाती है। भारत रत्न पाने वालों को टैक्स न भरने की छूट दी जाती है। स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों में खास अतिथि के तौर पर भी भाग ले सकते हैं। एक वर्ष में पुरस्कारों की संख्या अधिकतम तीन ही रहती है। किसी राज्य के भीतर यात्रा करते समय राज्य सरकारों द्वारा राज्य अतिथि के रूप में सम्मान दिया जाता है।