15 अगस्त को भारत की स्वतंत्रता दिवस के लिए क्यों चुना गया था? जानिए इसके पीछे की वजह

By विनीत कुमार | Updated: August 12, 2021 12:06 IST2021-08-12T12:05:55+5:302021-08-12T12:06:22+5:30

भारत की आजादी की लड़ाई से जुड़ी कई कहानियां हैं। 15 अगस्त का दिन देश के उन वीरों को समर्पित है जिन्होंने अंग्रेजों से आजादी के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया था।

Why 15th August 1947 chosen as Independence Day for India know all detail | 15 अगस्त को भारत की स्वतंत्रता दिवस के लिए क्यों चुना गया था? जानिए इसके पीछे की वजह

15 अगस्त: भारत की आजादी का दिन (फाइल फोटो)

Highlightsअंग्रेजों द्वारा पहले भारत को 30 जून 1948 तक सत्ता सौंपा जाना था, बाद में इसे बदला गया।भारत के आखिरी वॉयसरॉय माउंटबेटन ने आजादी देने की तारीख में बदलने की बात ब्रिटिश संसद को कही।पाकिस्तान के लिए भी आजादी का दिन 15 अगस्त ही था, हालांकि 1948 में पाकिस्तान द्वारा इसे बदला गया।

नई दिल्ली: भारत हर साल 15 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है। इसकी शुरुआत 1947 से अंग्रेजों के भारत छोड़कर जाने के बाद हुई। वैसे क्या आप जानते हैं कि अंग्रेजों से आजादी के लिए 15 अगस्त की ही तारीख क्यों चुनी गई? इसके पीछे क्या कहानी है, आइए आज हम आपको बताते हैं।

साल 1929 में 26 जनवरी के दिन कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज का प्रण लिया गया था। उस समय कांग्रेस से जुड़े नेताओं ने पूर्ण स्वराज के प्रस्ताव के साथ अंग्रेजों को एक साल में सत्ता छोड़ने की चेतावनी दी थी। 

इसके बाद 26 जनवरी 1930 को पहली बार देश में पूर्ण स्वराज दिवस यानी स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। बाद में देश की आजादी के बाद 1950 में 26 जनवरी ही वह दिन था जब भारत गणराज्य के तौर पर स्थापित हुआ। भारत के अपने संविधान ने उसे तमाम ब्रिटिश बेड़ियों से आजाद कर दिया।

पहले 1948 तक भारत को सत्ता सौंपा जाना था

ब्रिटिश संसद की ओर से लॉर्ड माउंटबेटन को 30 जून 1948 तक भारतीय लोगों को यहां की सत्‍ता सौंपने का अधिकार दिया गया था। वहीं, सी राजगोपालाचारी का कहना था कि अगर 30 जून 1948 तक इंतजार किया गया तो सत्ता के हस्तांतरित करने को लेकर कुछ भी शेष नहीं बचेगा। इसे देखते हुए माउंटबेटन ने तारीख को पहले करने का फैसला किया।

ये भी कहा जा रहा था कि आजादी में जितना लंबा समय लगेगा, खूनी संघर्ष और दंगों में उतने ही अधिक लोगों की जान जाएगी। माउंटबेटन द्वारा भारत की स्थिति बताए जाने के बाद ब्रिटिश संसद में भारत की आजादी के लिए बिल 4 जुलाई 1947 को पेश किया गया और अगले कुछ ही दिनों में इसे पास भी कर दिया गया।

15 अगस्त की तारीख क्यों चुनी गई।

इसे लेकर कई तरह की बातें मौजूद हैं। 15 अगस्त की तारीख पर लैरी कॉलिंग और डेमिनिक लैपियर की किताब 'फ्रीडम एट मिडनाइट' में एक किस्से का जिक्र है। किताब के अनुसार माउंटबेटन कहते हैं, 'मैंने जो तारीख चुनी वो अचानक थी। मैंने ये तारीख एक प्रश्न के जवाब में कहा। मैं ये दिखाना चाहता था कि सबकुछ मेरे हाथ में है। उन्होंने जब मुझसे पूछा कि क्या मैंने कोई तारीख तय की है, तो मैं जानता था कि ये जल्दी होना चाहिए। मैंने तब तक कोई तारीख नहीं सोची थी लेकिन मान रहा था कि ये अगस्त या सितंबर का महीना हो सकता है और इसके बाद मैंने 15 अगस्त कहा। क्यों? क्योंकि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान के आत्मसमर्पण करने की ये दूसरी बरसी थी।'

इसके बाद भारत की आजादी के बिल में 15 अगस्त की तारीख तय की गई। नए बन रहे तब पाकिस्तान के लिए भी यही तारीख तय हुई। यही वजह है कि पाकिस्तान की ओर से भी जो पहला डाक टिकट जारी हुआ उस पर उसकी आजादी का दिन 15 अगस्त लिखा था।

पाकिस्तान के पहले स्वतंत्रता दिवस पर भी मोहम्मद अली जिन्ना ने कहा था कि 15 अगस्त पाकिस्तान की आजादी का दिन है। हालांकि इसके बाद अगले साल 1948 में पाकिस्तान ने 14 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस घोषित कर दिया।

Web Title: Why 15th August 1947 chosen as Independence Day for India know all detail

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