15 साल रहने वाले ही बन सकेंगे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के निवासी, जानिए क्या हैं प्रस्तावित नए नियम

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 20, 2019 13:29 IST2019-12-20T13:26:27+5:302019-12-20T13:29:07+5:30

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के निवासी का दर्जा पाने के लिए यहां कम से कम 15 साल रहना पड़ेगा। सरकार ने इस नियम का प्रस्ताव दिया है। हालांकि अभी अंतिम फैसला नहीं लिया गया।

who live for 15 years will be able to be residents of Jammu and Kashmir and Ladakh, know proposed domicile policy | 15 साल रहने वाले ही बन सकेंगे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के निवासी, जानिए क्या हैं प्रस्तावित नए नियम

15 साल रहने वाले ही बन सकेंगे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के निवासी, जानिए क्या हैं प्रस्तावित नए नियम

Highlightsइंडस्ट्रियल हाउस के लिए जमीन खरीदने, कारोबार स्थापित करने और कामगारों के लिए घर बनाने में ऐसी शर्तें लागू नहीं की जाएंगी।जम्मू कश्मीर में जमीन खरीदने के लिए महाराजा हरि सिंह ने भी कम से कम 10 साल तक यहां रहने का नियम बनाया था।

जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद सरकार अब नए डोमिसाइल नियम जारी करने पर विचार कर रही है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा है कि सरकार जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश में निवासी होने का पाने देने के लिए 15 साल तक वहां रहने के नियम पर विचार कर रही है। बताया जा रहा है कि जल्दी ही नई डॉमिसाइल पॉलिसी का नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। गौरतलब है कि देश के अन्य राज्यों में निवासी का दर्जा पाने के लिए अलग-अलग नियम हैं।

हालांकि इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इंडस्ट्रियल हाउस के लिए जमीन खरीदने, कारोबार स्थापित करने और कामगारों के लिए घर बनाने में ऐसी शर्तें लागू नहीं की जाएंगी। निवासी का दर्जा मिलने के बाद इन दोनों राज्यों में सरकारी नौकरियों, सरकारी कॉलेज में सीट और जमीन के मालिकाना हक का रास्ता साफ हो जाएगा। जम्मू कश्मीर में जमीन खरीदने के लिए महाराजा हरि सिंह ने भी कम से कम 10 साल तक यहां रहने का नियम बनाया था। 

सरकारी तंत्र से जुड़े एक सूत्र ने कहा, 'उन्हें इंडस्ट्री या बिजनस यूनिट लगाने के साथ-साथ मजदूरों/अधिकारियों के निवास के लिए कॉलोनी बनाने के लिए भी जमीन का मालिकाना हक तुरंत दे दिया जाएगा।' लेकिन बाहर से आने वाले सामान्य नागरिकों को कम से कम 15 साल तक लगातार वहां रहना पडे़गा। हालांकि अभी इस मंत्रालयों में मंथन जारी है और अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।

आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से कश्मीर घाटी में पत्थरबाजी की 190 घटनाएं हुई और इसमें संलिप्त 250 लोग अभी जेल में हैं । अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि इस साल अक्टूबर तक सीमा से जम्मू कश्मीर में घुसपैठ के प्रयास की 171 घटनाएं हुई और इनमें से 114 प्रयास सफल रहे। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि घुसपैठ के ‘‘सफल’’ प्रयास की घटनाओं में अगस्त में 59, अक्टूबर में सात, सितंबर में 20 और अगस्त में 32 घटनाएं हुईं।

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