नई दिल्ली: भारत सहित दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। वहीं, भारत में कोरोना संकट के चलते लॉकडाउन जारी है। देश में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 934 हो गई और संक्रमितों की तादाद 29,435 पर पहुंच गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में 6,868 मरीज संक्रमण से ठीक हो गए हैं और 21,632 अब भी संक्रमण से जूझ (एक्टिव मामले) रहे हैं। वहीं एक व्यक्ति विदेश चला गया था। कुल मामलों में 111 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। इसी बीच सिंगापुर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नॉलजी एंड डिजाइन (SUTD) ने बताया है कि अलग-अलग देशों में कोविड-19 महामारी कब खत्म होगी।
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, SUTD की भविष्यवाणी में भारत के लिए बहुत ही बड़ी राहत की खबर होगी। स्टडी के मुताबिक भारत में 24 मई तक कोरोना वायरस 97 प्रतिशत तक खत्म हो जाएगा। 20 जून तक यह 99 प्रतिशत खत्म हो जाएगा। इसे पूरी तरह खत्म होने में 31 जुलाई तक का वक्त लगेगा।
सिंगापुर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नॉलजी एंड डिजाइन रिपोर्ट के मुताबिक, अगर वैश्विक स्तर 29 मई तक पर कोरोना वायरस 97 प्रतिशत तक खत्म हो जाएगा। 15 जून तक दुनिया में कोरोना वायरस 99 प्रतिशत तक खत्म हो जाएगा और शत प्रतिशत खत्म होने में 26 नवंबर तक का वक्त लगेगा। वहीं, अगर अमेरिका की बात करें तो वहां 14 मई तक 97 प्रतिशत कोरोना वायरस खत्म हो सकता है। जबकि 26 मई तक 99 प्रतिशत और 4 सितंबर तक अमेरिका से इस खतरनाक वायरस की पूरी तरह विदाई होने का अनुमान है।
बता दें कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति में सुधार हो रहा है और इसके परिणामस्वरूप ही देश में संक्रमण से प्रभावित हॉटस्पॉट जिलों के रूप में चिन्हित किये गये क्षेत्र अब सामान्य स्थिति की ओर अग्रसर हैं। देश में कोविड-19 के फैलने की स्थिति के बारे में केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि इस समय भारत में कोविड-19 के रोगियों की मृत्युदर 3.1 है जबकि वैश्विक स्तर पर यह दर सात प्रतिशत है। 6,868 लोगों को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से दी जा चुकी है। स्वस्थ होने की दर लगभग 22 प्रतिशत है जो अधिकतर देशों के मुकाबले बेहतर है। उन्होंने कहा ‘‘देश में पिछले तीन दिनों में मामले दोगुना होने की दर 10.5 दिन है। पिछले सात दिन में यह दर 9.3 दिन है और पिछले 14 दिन के लिए यह दर 8.1 दिन है। इससे पता चलता है कि देश में लॉकडाउन और क्लस्टर प्रबंधन तथा कंटेनमेंट स्ट्रैटेजी के कारण सकारात्मक परिणाम मिले हैं। ’’