बिहार CM नीतीश कुमार क्या करेंगे? विधानसभा भंग करने की सिफारिश, कानूनी सलाह लेने की हैं अटकलें
By एस पी सिन्हा | Published: January 25, 2024 05:31 PM2024-01-25T17:31:39+5:302024-01-25T17:31:43+5:30
कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें नीतीश कुमार ने कुछ बोला ही नहीं और तेजस्वी यादव भी उतने सक्रिय नहीं दिखे। इसलिए माना जा रहा है कि अब सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
पटना: बिहार की राजनीति में नित्य नए घटनाक्रमों के बाद अटकलों का बाजार लगातार गर्म होता जा रहा है। चर्चाओं के अनुसार राजद और कांग्रेस से नाराज होकर नीतीश कुमार भाजपा की ओर रुख कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार एनडीए में जाने के इच्छुक हैं पर भाजपा का अभी पॉजिटिव रुख न होने के कारण अब नीतीश कुमार राज्यपाल से विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर सकते हैं, ताकि लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा का भी चुनाव हो जाए। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसके लिए कानूनी सलाह ले रहे हैं। लेकिन समस्या यह है कि कैबिनेट में यह निर्णय बहुमत से लिया जाना आवश्यक है।
ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि क्या तेजस्वी यादव मंत्रिपरिषद की बैठक में विधानसभा भंग करने के फैसले पर अपने सहमति दे देंगे? क्या इस समय विधानसभा भंग करने का रिस्क लेना चाहेंगे? इस बीच चुनावी रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार को स्वयं नहीं मालूम कि वे कहां रहेंगे? जो आदमी जीवन में राजनीति के अंतिम दौर में पहुंच गया है, हर नजरिए से सामाजिक-राजनीतिक तौर पर भी नीतीश कुमार का अंतिम दौर चल रहा है।
अब छटपटाहट में कभी दाएं, कभी बाएं कर रहे हैं, उससे कुछ होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी चुनाव होगा तो नीतीश कुमार को बिहार की जनता राजनीतिक औकात दिखा देगी। मैंने आजतक चुनाव को लेकर कोई भविष्यवाणी की है तो शायद ही कभी गलत हो सकता है। प्रशांत किशोर ने कहा कि महागठबंधन में नीतीश कुमार चुनाव लड़ेंगे तो उनके दल जदयू को 5 सीटें भी नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि जदयू में भगदड़ तय है।
अब देखना होगा कि भगदड़़ में नेता भागते हैं या फिर नीतीश कुमार खुद ही भाग जाते हैं। कोई भरोसा नहीं है। उनकी यह घबराहट स्वाभाविक रूप से देखी जा रही है। जनता ने उनका साथ छोड़ दिया है। इसबीच सियासी गलियारे में चर्चा है कि नीतीश कुमार अब राजद को और बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं।
उधर, मोदी सरकार ने नीतीश कुमार के राजनीतिक गुरु स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान कर दिया और उनके बेटे रामनाथ ठाकुर से पीएम मोदी ने बात भी की। नीतीश कुमार को इस बात का अंदाजा रहा होगा कि पीएम मोदी उनको भी फोन करेंगे पर उन्होंने केवल रामनाथ ठाकुर से बात की। इस बात को नीतीश कुमार ने कर्पूरी जयंती के मौके पर आयोजित समारोह में साझा भी किया था। उनका यह कहना कि हमको फोन नहीं किए।
उनकी अंदर की भावना को व्यक्त करने के लिए काफी है। वहीं, रोहिणी के पोस्ट में सीधा निशाना नीतीश कुमार को बनाया गया। इससे राजद और जदयू के संबंध बिगड़ गए हैं। कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें नीतीश कुमार ने कुछ बोला ही नहीं और तेजस्वी यादव भी उतने सक्रिय नहीं दिखे। इसलिए माना जा रहा है कि अब सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। उसके बाद कानूनी सलाह की खबर से बिहार के सियासी माहौल को अचानक से गर्मा दिया है।