Florona: क्या है फ्लोरोना संक्रमण और कितना खतरनाक है यह, जानिए इसके बारे में सबकुछ
By रुस्तम राणा | Published: January 1, 2022 04:30 PM2022-01-01T16:30:43+5:302022-01-01T16:30:43+5:30
फ्लोरोना, फ्लू और कोरोना का दोहरा संक्रमण है। इसमें मरीज इंफ्लुएंजा वायरस यानी फ्लू के साथ-साथ कोविड-19 से एकसाथ संक्रमित हो जाता है और दोहरे संक्रमण के कारण यह मरीज की प्रतिरक्षा प्रणाली पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।
कोरोना और इसके नए वैरिएंट ओमीक्रोन के खतरे के बीच एक नए किस्म का संक्रमण सामने आया है। इस संक्रमण का पहला केस इजराइल में दखने को मिला है जिसे फ्लोरोना (Florona) कहा जा रहा है। इजराइल में एक गर्भवती महिला में फ्लोरीना देखने को मिला है जो अपने बच्चे को जन्म देने के लिए अस्पताल में भर्ती हुई थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, महिला ने कोरोना वैक्सीन नहीं ली थी। इसे दोहरा संक्रमण भी कहा जा रहा है। आइए जानते हैं क्या है फ्लोरोना, कितना खतरनाक है यह, यदि खतरनाक है तो इससे बचने के अब तक क्या उपाय हैं और इसके लक्षण क्या है?
क्या है फ्लोरोना?
फ्लोरोना, फ्लू और कोरोना का दोहरा संक्रमण है। इसमें मरीज इंफ्लुएंजा वायरस यानी फ्लू के साथ-साथ कोविड-19 से एकसाथ संक्रमित हो जाता है और दोहरे संक्रमण के कारण यह मरीज की प्रतिरक्षा प्रणाली पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। मार्च 2020 में दुनिया में कोविड-19 महामारी के शुरूआत के बाद ऐसा संक्रमण पहली बार देखा गया है।
यह कितना खरतनाक है ?
यह आशंका जताई जा रही है कि दोनों वायरस के एक साथ मरीज के शरीर में प्रवेश करने से यह कोविड 19 से भी दोगुना खतरना को हो सकता है। इंफ्लूएंजा वायरस के संक्रमण में निमोनिया, मायोकार्डिटिस जैसे कई गंभीर लक्षण देखने को मिलते हैं जिनसे कई बार मरीज की मौत भी हो सकती है। इजराइल के स्वास्थ्य मंत्रालय और सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल ने चेतावनी जारी की है कि ये संक्रमण तेजी से फैल सकता है या फैल रहा है।
कैसे होते हैं इसके लक्षण?
फ्लोरोना को लेकर अभी तक वैज्ञानिकों के पास ज्यादा जानकारी नहीं है। लेकिन अब तक जो जानकारी है उसके अनुसार, इससे संक्रमित व्यक्ति के अंदर कई तरह के लक्षण देखने को मिल सकते हैं। इन लक्षणों में निमोनिया और श्वसन से संबंधित परेशानियां के साथ मायोकार्डिटिस भी हो सकता है। इनकी वजह से सही स्वास्थ्य देखरेख ना होने पर मरीज की मौत का जोखिम बहुत बढ़ जाता है।
कैसे बचे ?
इजराइल के स्वास्थ्य मंत्रालय मुताबिक फ्लोरोना से बचाव के लिए छह महीने से अधिक उम्र के सभी लोगों को इंफ्लूएंजा की वैक्सीन लगवाने की सलाह दी गई है। इस वैक्सीन को कोरोना वैक्सीन के साथ दी जा सकती है। इसके अलावा सामाजिक दूरी का पालन, मास्क धारण करना, सैनिटाइजेशन जैसे एहतियात भी जरूरी हैं।