दिल्ली: भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) को सेवानिवृत्ति के दिन से जीवन भर के लिए एक घरेलू सहायक, एक चालक और एक सचिवालय सहायक की सुविधा मिलेगी। केंद्र सरकार की ओर से चीफ जस्टिस के सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली सुविधाओं के संबंध में जारी की गई ताजा अधिसूचना में यह जानकारी सामने आई है।
केंद्रीय कानून मंत्रालय के न्याय विभाग की ओर से शुक्रवार को जारी किये गये ताजा अधिसूचना में कहा गया है कि देश के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश और शीर्ष अदालत के अन्य न्यायाधीशों को सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली सुविधाओं का विस्तार करने के लिए उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों से जुड़े नियमों में फिर से संशोधन किया गया है। इससे पहले 23 अगस्त को नियमों में संशोधन किया गया था।
संशोधित नियमों का लाभ जीवित सभी पूर्व सीजेआई और उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को मिलेगा। नियमों में हुए ताजा बदलाव के अनुसार, भारत के सेवानिवृत्त प्रधान न्यायाधीश को सेवानिवृत्ति की तारीख से पांच साल की अवधि के लिए निजी सुरक्षा गार्ड के अलावा उनके आवास पर चौबीसों घंटे सुरक्षा घेरा मुहैया कराया जाएगा।
नई अधिसूचना के अनुसार, उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश को सेवानिवृत्ति की तारीख से तीन साल की अवधि के लिए चौबीसों घंटे निजी सुरक्षा गार्ड के अलावा उनके आवास पर चौबीसों घंटे सुरक्षा घेरा मुहैया कराया जाएगा। ताजा बदलाव के मुताबिक, यदि एक सेवानिवृत्त सीजेआई या शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश को पहले से ही खतरे की आशंका के आधार पर ‘‘उच्च श्रेणी’’ सुरक्षा प्रदान की गई है, तो ‘‘पहले से प्रदान की गई उच्च श्रेणी की सुरक्षा जारी रहेगी।’’
इसके साथ ही सेवानिवृत्त सीजेआई को सेवानिवृत्ति की तारीख से छह महीने की अवधि के लिए दिल्ली में (नामित आधिकारिक निवास के अलावा) ‘टाइप-VII’ आवास उपलब्ध कराया जाएगा, जिसका कोई किराया नहीं वसूला जाएगा। ‘टाइप-VII’ आवास आमतौर पर उन मौजूदा सांसदों को प्रदान किया जाता है जो पूर्व में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं।
इस महीने की शुरुआत में सेवानिवृत्त सीजेआई के लिए आवास की सुविधा का विस्तार किया गया था। उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को सेवानिवृत्ति के दिन से जीवन भर के लिए घरेलू सहायक और चालक भी मिलेगा।