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कोविड-19 पर सर्वे: ग्लोबल स्तर पर हर 4 में से एक व्यक्ति नहीं लगवाना चाहता है कोरोना की वैक्सीन, जानें क्यों?

By पल्लवी कुमारी | Updated: September 2, 2020 09:30 IST

पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के मामले ढाई करोड़ के आंकड़े को पार कर गए हैं। महामारी पूरी दुनिया में अब तक 8,42,000 से अधिक लोगों की जान ले चुकी है।

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ठळक मुद्दे इस सर्वे में 27 देश शामिल थे। सर्वे में 20 हजार लोगों को शामिल किया गया था। सर्वे में शामिल 74 फीसदी एडल्ट ने कहा कि अगर वैक्सीन आती है तो वह उसे बिल्कुल लगवाना चाहेंगे। 

नई दिल्ली:कोरोना वायरस से बचने के लिए पूरे विश्व के कई डॉक्टर इसका वैक्सीन बनाने में लगे हैं। इसी बीच वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम-इप्सॉस के ग्लोबल सर्वे में एक चौंकाने वाली बात सामने आई है। इस सर्वे के मुताबिक ग्लोबल स्तर हर चार व्यस्कों (एडल्ट) में एक शख्स कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं लगवाना चाहता है। जिसके पीछे की वजह सर्वे में उन्होंने कोविड-19 वैक्सीन की साइड इफेक्ट को बताया है। हालांकि सर्वे में बताया गया है कि भारत में ऐसे लोगों का अनुपात 13 प्रतिशत से भी कम है। 

यह सर्वे मंगलवार (एक सितंबर) को जारी किया गया है। इस सर्वे में 27 देश शामिल थे। सर्वे में 20 हजार लोगों को शामिल किया गया था और उन लोगों से कोरोना वैक्सीन बनने और इसके डोज लेने पर सवाल किए गए थे। सर्वे में शामिल 74 फीसदी एडल्ट ने कहा कि अगर वैक्सीन आती है तो वह उसे बिल्कुल लगवाना चाहेंगे। 

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

59 फीसदी का कहना 2020 में नहीं आएगी कोरोना वैक्सीन

इस सर्वे में सबसे ज्यादा भारत, चीन और सऊदी अरब के लोगों को शामिल किया गया है। असल में सर्वे में इन तीन देशों के लोगों ने ही ज्यादा उम्मीद जताई है कि 2020 में वैक्सीन आ जाएगी। जबकि आधे से अधिक 59 फीसदी ने कहा है कि उन्हें लगता है कि इस साल के अंत से पहले कोई कोरोना वैक्सीन नहीं आएगी। 

सर्वे में चीन के लोगों ने कोरोना वैक्सी को लेकर सबसे ज्यादा दिखाया उत्साह

सर्वे में चीन के सबसे ज्यादा 97 फीसदी लोगों ने कहा है कि वैक्सीन बन जाएगी और वह टीका भी लगवाएंगे। बसे कम रूस के 54 फीसदी लोगों ने ही वैक्सीन मामले पर दिलचस्पी दिखाई है। इसके अलावा ब्राजील के 88 प्रतिशत का मानना है कि कोविड-19 का वैक्सीन जल्दी आएगा। वहीं, ऑस्ट्रेलिया के भी 88 प्रतिशत और भारत के 87 फीसदी लोगों ने कोरोना के वैक्सीन बनने पर हामी भरी है। 

वहीं कोविड-19 वैक्सीन बनने के सबसे कम इरादा रखने वालों में रूस 54 प्रतिशत, पोलैंड 56 प्रतिशत, फ्रांस 59 प्रतिशत,  हंगरी 56 प्रतिशत के साथ शामिल है। 

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

पूरी दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले ढाई करोड़ के पार

पूरी दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले ढाई करोड़ के आंकड़े को पार कर गए हैं। जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय द्वारा तैयार की गई तालिका के अनुसार अमेरिका में संक्रमण के 59 लाख मामले हैं। इसके बाद ब्राजील में 38 लाख और भारत में 35 लाख मामले हैं। अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केन्द्र के अनुसार दुनियाभर में संक्रमित लोगों की संख्या इससे कहीं अधिक होने का अनुमान है।

केन्द्र के अनुसार जांच क्षमता सीमित होने और ऐसे मामले जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं हैं, उनका पता नहीं लग पाने के कारण अमेरिका में संक्रमण के मामले कहीं ज्यादा हो सकते हैं। महामारी पूरी दुनिया में अब तक 8,42,000 से अधिक लोगों की जान ले चुकी है जिनमें अमेरिका में 1,82,779 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद ब्राजील में 1,20,262 और मेक्सिको में 63,819 लोगों की इस बीमारी से मौत हुई है। 

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