मैंने छात्रों को माफ किया, नहीं करूंगा उनके खिलाफ पुलिस में कोई शिकायत: जेएनयू वीसी जगदीश कुमार
By स्वाति सिंह | Published: March 26, 2019 01:19 PM2019-03-26T13:19:40+5:302019-03-26T13:19:40+5:30
जेएनयू कुलपति जगदीश कुमार के आवास का सोमवार (25 मार्च) देर शाम कुछ ने घेराव किया था।इस दौरान कुलपति जगदीश कुमार ने आरोप लगाया था कि छात्रों ने उनकी पत्नी को बंधक बना लिया।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलपति एम जगदीश कुमार ने कुछ छात्रों पर जबरन घर में घुसने और उनकी पत्नी को बंधक बनाने का आरोप लगाने के कहा कि उन्होंने छात्रों को माफ कर दिया है और वह पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराएंगे।
जेएनयू कुलपति एम जगदीश कुमार ने ट्वीट किया 'कल रात जेएनयू में मेरे आवास के सामने छात्रों का हिंसक व्यवहार बेहद निंदनीय है, लेकिन मैं और मेरी पत्नी छात्रों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगे। हमने उन्हें माफ कर दिया है। उन्हें शुभकामनाएं देते हैं और उम्मीद करते हैं कि वे सुधरेंगे और भविष्य में ऐसी हरकतें नहीं दोहराएंगे।'
While last night's violent behavior by students in front my JNU residence is condemnable, neither me nor my wife will file a police complaint against the students. We have forgiven them. Wish them the best and hope they will reform and not repeat such acts in future.
— Mamidala Jagadesh Kumar (@mamidala90) March 26, 2019
बता दें कि जेएनयू कुलपति जगदीश कुमार के आवास का सोमवार (25 मार्च) देर शाम कुछ ने घेराव किया था। हालांकि छात्रों को उनके आवास के अंदर घुसने से पुलिस ने रोक दिया और उन्हें वापस जाने के लिए कहा। इस दौरान कुलपति जगदीश कुमार ने आरोप लगाया था कि छात्रों ने उनकी पत्नी को बंधक बना लिया।
कुलपति जगदीश कुमार ने ट्वीट कर कहा कि कुछ सौ छात्रों ने जेएनयू आवास में तोड़फोड़ की है और मेरी पत्नी को घर के अंदर कैद कर लिया। वह घर पर अकेली थीं और घबराई हुई थीं। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
जेएनयू के कुलपति ने कहा कि मुझे अपने घर के सामने 400-500 छात्रों के इकट्ठा होने के बारे में करीब छह बजे पता चला। उस समय मैं एक आधिकारिक बैठक में था। छात्रों ने गार्ड को धक्का दिया और गेट खोलकर घर में घुस गए। मेरी पत्नी उस समय अकेली थी। आप घर पर अकेली महिला की स्थिति की कल्पना कर सकते हैं जो 400-500 नारे लगाने वाले छात्रों से घिरी हो। वह लगभग 3 घंटे तक घर में ही कैद रही।
उन्होंने कहा कि हम छात्रों के अधिकारों का सम्मान करते हैं लेकिन गैरकानूनी साधनों का उपयोग करना और हिंसक तरीके से व्यवहार करना जेएनयू के छात्रों से अपेक्षित नहीं है। एक शिक्षक और जेएनयू का प्रमुख होने के नाते, मैं उन्हें माफ कर दूँगा। मुझे उम्मीद है कि वे खुद को सुधार लेंगे।