Bihar Assembly Session: राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा-ये सदन किसी के बाप का है क्या?, विधानसभा अध्यक्ष ने कहा-माफी मांगे, विजय सिन्हा बोले-राजद के लोग गुंडे लेकर आए, देखिए वीडियो
By एस पी सिन्हा | Updated: July 23, 2025 18:00 IST2025-07-23T17:58:49+5:302025-07-23T18:00:24+5:30
Bihar Assembly Session: बिहार प्लेटफार्म आधारित गिग कामगार विधेयक 2025, बिहार दुकान और प्रतिष्ठान विधेयक 2025 और कारखाना संशोधन विधेयक 2025 को सदन में पेश किया गया।

file photo
पटनाः बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान दोनों सदनों में तीसरे दिन बुधवार को भी विपक्षी विधायकों-विधान पार्षदों ने जमकर हंगामा किया, जिसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही सुचारू रूप से नही चल पाई। दोनों सदनों में मात्र कुछ मिनटों तक ही कार्यवाही चल पाई और किसी तरह विधाई कार्य निपटाए गए। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ही बिहार पशु प्रजनन विनियमन विधेयक 2025, जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक 2025, बिहार प्लेटफार्म आधारित गिग कामगार विधेयक 2025, बिहार दुकान और प्रतिष्ठान विधेयक 2025 और कारखाना संशोधन विधेयक 2025 को सदन में पेश किया गया। विपक्ष ने विधेयकों का विरोध करते हुए सदन से वॉक आउट किया।
इसके साथ ही राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि ‘ये सदन किसी के बाप का है क्या…’ इस बयान पर विधानसभा अध्यक्ष गुस्सा हो गए और उन्हें माफी मांगने के लिए कहा। लेकिन, राजद विधायक ने माफी मांगने से मना कर दिया। इधर, राजद विधायक भाई वीरेंद्र के बयान पर उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा किे ये राजद के लोग गुंडे लेकर आए हैं।
इसके अलावा हत्या का भी आरोप लगाया। देखते ही देखते जमकर सदन में हंगामा हुआ। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि भाई वीरेंद्र ने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, वह हमने भी सुना है। कई बार हमने भी खेद प्रकट किया है, भाई वीरेंद्र को भी खेद प्रकट करना चाहिए।
इस पर तेजस्वी यादव ने कहा कि सत्ता पक्ष के सदस्यों को हमारी बात से अधिक ठेस लगी है, तो उसका दुख मत मानिए, ऐसी कोई बात नहीं है। हम यहां 14 करोड़ बिहारी के मतदाता सूची से नाम कटने की चर्चा कर रहे हैं। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव मानने को तैयार नहीं थे। नंदकिशोर यादव बार-बार भाई वीरेंद्र को खेद प्रकट करने के लिए कह रहे थे।
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही महागठबंधन के विधायक ने मतदाता सूची पुनरीक्षण और कानून व्यवस्था को लेकर अपने हाथों में बैनर-पोस्टर लेकर वेल में पहुंच गए और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस पर विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने प्ले कार्ड छीनने के लिए कहा। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बिहार में मतदाता पुनरीक्षण पर अपनी बात रख रहे थे।
इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच बहस हो गई। दरअसल तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि सदन के अंदर एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए। लालू जी कहते हैं, “वोट का राज, छोट का राज”। हम एसआईआर का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग जो प्रक्रिया अपना रहा है, वह सही नहीं है।
हम इसी का विरोध कर रहे हैं। इसी आधार पर 2003 से चुनाव हो रहे हैं, क्या इसके आधार पर जो चुनाव हुआ, वह फर्जी था? क्या नीतीश कुमार फर्जी तरीके से मुख्यमंत्री बने हैं? क्या फर्जी तरीके से विधायक बना हूं? वहीं, तेजस्वी यादव के इस संबोधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भड़क उठे। उन्होंने सदन में तेजस्वी यादव को जवाब देते हुए कहा कि तुम्हारे पिता और माता मुख्यमंत्री रहे, तुम क्या थे?
आप लोगों ने ठीक नहीं किया, तब आपको छोड़ दिया। ये सब जो बोलते रहता हैं। हम लोगों ने क्या काम किया है, लोग देखेंगे। पहले का बजट आप लोगों का क्या था, अब का क्या है? इन लोगों के हित में हम काम करते हैं। आज तीसरा दिन है। दो दिन और फिर चुनाव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी कमी है, हम लोग घूम के देखे हैं। चुनाव लड़ना है चुनाव लड़िए, लेकिन जो भी अंड बंड बोलना है बोलिए।
हमलोगों ने ही महिलाओं के लिए किया। इनलोगों ने कुछ नहीं किया। मुस्लिम के लिए भी इन लोगों ने कुछ नहीं किया। हम लोगों ने सभी के लिए शुरू से सारा काम किया। सारा काम हम लोगों ने किया है। इन लोगों ने कुछ नहीं किया तो अब इधर-उधर कर रहा है। सबको अधिकार है चुनाव लड़ने का, लेकिन हम लोगों ने जितना काम किया है। उसी को लेकर सब के बीच जाएंगे और एक-एक बात बता देंगे। इस दौरान राजद विधायक भाई वीरेद्र सिंह ने कहा कि दवा का असर खत्म हो गया क्या?