पटनाः बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र के 5वें दिन भी मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर विपक्ष के विधायकों का हंगामा जारी रहा। इस बीच राजद नेता राबड़ी देवी और अन्य नेताओं ने बिहार में चुनाव आयोग द्वारा जारी SIR के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर RJD नेता राबड़ी देवी ने कहा कि वह बचपन से ही बोरिंग रोड पर गुंडागर्दी करते थे... मैंने उन्हें बचपन से देखा है। वे वहां लड़कियों को छेड़ते थे। राबड़ी देवी ने कहा कि बिहार की जनता, गरीबों का सवाल है हम विरोध करेंगे। जो लोग बाहर गए हैं उन्हें तो वोटर आईडी कार्ड नहीं मिलेगा और वे वोट से वंचित हो जाएंगे इसलिए हम लोग घेराव कर रहे हैं। विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच जूतम पैजार जैसी उत्पन्न हो गई। तेजस्वी यादव के संबोधन के दौरान राजद और भाजपा के विधायकों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई।
देखते ही देखते हाथापाई की नौबत तक पहुंच गई। सदन में सबसे पहले तेजस्वी यादव और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के बीच तीखा वाक् युद्ध हुआ। इसके बाद दोनों दलों के विधायक खड़े होकर आपस में बहस करने लगे। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव को हस्तक्षेप करना पड़ा। तेजस्वी यादव इस मसले पर बोल रहे थे।
इस दौरान उनकी उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और भाजपा-जदयू के कई विधायकों से बहस हुई। लेकिन मामला तब गर्म हो गया, जब सम्राट चौधरी इस बहस में कूदे। तेजस्वी यादव ये आरोप लगा रहे थे कि मतदाता सूची की जांच में फर्जीवाड़ा हो रहा है। इस दौरान सम्राट चौधरी ने कुछ टिप्पणी की। जवाब में तेजस्वी ने कहा कि आप कौन होते हैं ये तय करने वाला कि कौन सही है?
दोनों के बीच आप कौन हैं, आप कौन हैं की बहस हुई और इसके बाद सम्राट चौधरी भी तेवर में आ गए। सम्राट चौधरी ने कहा कि जिसका बाप अपराधी हो, जेल गया हो, वो तय करेगा कि क्या सही है क्या गलत है? सम्राट चौधरी ने तेजस्वी से कहा कि तुम सब लुटेरा हो लुटेरा। सम्राट चौधरी और तेजस्वी यादव की बहस शांत हो ही रही थी कि भाजपा विधायक जनक सिंह खड़े हो गए। वे जोर-जोर से कुछ बोल रहे थे।
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि जनक सिंह उन्हें मां-बहन की भद्दी-भद्दी गालियां दे रहे थे। इस बीच तेजस्वी यादव ने भी जनक सिंह को जवाब दिया। तेजस्वी यादव ने कहा कि इतना जोर से बोलोगे तो पैंट गीला हो जायेगा। इसके बाद भारी फसाद शुरू हो गया। मारपीट की स्थिति देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को स्थगित कर दिया और सदन से निकल गये।