26 जनवरी को हुई हिंसा में संलिप्त नहीं था: लाखा सिधाना

By भाषा | Updated: January 27, 2021 19:07 IST2021-01-27T19:07:17+5:302021-01-27T19:07:17+5:30

Was not involved in violence on 26 January: Lakha Sidhana | 26 जनवरी को हुई हिंसा में संलिप्त नहीं था: लाखा सिधाना

26 जनवरी को हुई हिंसा में संलिप्त नहीं था: लाखा सिधाना

(राहुल देवेश)

चंडीगढ़, 27 जनवरी गैंगस्टर से सामाजिक कार्यकर्ता बने लखबीर सिंह उर्फ लाखा सिधाना ने गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा से बुधवार को खुद को अलग करते हुए कहा कि उसने और कुछ अन्य किसान नेताओं ने राष्ट्रीय राजधानी में सिर्फ बाहरी रिंग रोड तक मार्च किया था।

लाल किले की घटना में अपनी संलिप्तता से इनकार करते हुए सिधाना ने कहा कि यह जांच का विषय है कि इतनी सुरक्षा के बावजूद लोग वहां तक कैसे पहुंच गए।

मंगलवार को हुई हिंसा के पीछे पुलिस ने सिधाना का हाथ होने का संदेह व्यक्त किया था जब राष्ट्रीय राजधानी में हजारों किसान अवरोधक तोड़कर प्रमुख मार्गों पर चले आए थे और पुलिस से भिड़ गए थे।

सिधाना ने ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन पर बताया, “मंगलवार को हुई घटनाओं से मैं दुखी हूं लेकिन मैं इनमें शामिल नहीं हूं। कोई वीडियो, तस्वीर या अन्य साक्ष्य नहीं हैं जो यह दिखाएं कि मैंने लोगों को भड़काया। हमने अपने किसान नेताओं के साथ शांतिपूर्ण तरीके से बाहरी रिंग रोड की तरफ मार्च किया। लाल किले की तरफ जाने का हमारा कभी कोई एजेंडा नहीं था।”

सिधाना ने कहा कि करीब 20 किसान नेता अपने कार्यकर्ताओं के साथ शांतिपूर्वक रिंग रोड तक गए और उसके बाद वापस लौट गए।

यह पूछे जाने पर कि उन्हें रिंग रोड पर जाने की इजाजत नहीं थी, सिधाना ने दावा किया कि लोगों की भावना उसके समर्थन में थी क्योंकि किसान संघों ने पहले दो जनवरी को और फिर 17 जनवरी को घोषणा की थी कि वे ट्रैक्टर रैली वहां लेकर जाएंगे।

उन्होंने सरकार और पुलिस पर किसानों के प्रदर्शन के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया और किसानों को उकसाने के आरोपों से खुद को अलग करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा शांति का आह्वान किया है।

उन्होंने इस आरोप से भी इनकार किया कि पंजाब के अभिनेता दीप सिद्धु के साथ सोमवार की रात सिंघू बॉर्डर पर उन्होंने मंच साझा किया था। सिधाना ने दावा किया कि उन्होंने उन लोगों को शांत करने के लिये बोला था जो बाहरी रिंग रोड तक मार्च ले जाना चाहते थे।

पंजाब के बठिंडा के रहने वाले सिधाना 26 नवंबर से ही सिंघू बॉर्डर पर टिके हुए हैं।

सिधाना पर पंजाब में दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह कई बार जेल भी जा चुका है लेकिन उसने पूर्व में दावा किया था कि उसने अपराध की दुनिया छोड़ दी है। उसके बाद से ही वह सामाजिक कार्यों में संलिप्त हो गया।

उसने 2012 में पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब के चुनाव निशान पर विधानसभा चुनाव भी लड़ा था। अब यह पार्टी अस्तित्व में नहीं है। इसका गठन राज्य के मौजूदा वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने शिरोमणी अकाली दल छोड़ने के बाद किया था।

बादल बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे और 2017 का विधानसभा चुनाव पार्टी के टिकट पर लड़ा था।

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