कल राज्यपाल ने पंजाब के शांतिपसंद लोगों को धमकी दी, सीएम मान ने बनवारी लाल पुरोहित को दिया ये जवाब
By अनिल शर्मा | Published: August 26, 2023 01:26 PM2023-08-26T13:26:12+5:302023-08-26T13:32:28+5:30
मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जब से हमारी सरकार आई है, बहुत काम किए गए हैं। सिर्फ अगस्त महीने में 41 किलो हेरोइन ज़ब्त की गई। अब तक 753 गैंगस्टर गिरफ्तार हुए। 786 हथियार और वाहन ज़ब्त किए गए हैं। कानून व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में है।
चंडीगढ़ः पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित द्वारा शुक्रवार राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की चेतावनी के एक दिन बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उनपर निशाना साधा है। पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से हमारी सरकार आई है, बहुत काम किए गए हैं। बनवारीलाल पुरोहित के पत्र पर सीएम भगवंत मान ने कहा कि कल राज्यपाल ने पंजाब के शांतिपसंद लोगों को धमकी दी कि वह राष्ट्रपति शासन लगा देंगे। राज्यपाल ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
गौरतलब है कि राजभवन और मुख्यमंत्री के बीच बढ़ी तनातनी के बीच पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने शुक्रवार को भगवंत मान को चेतावनी दी कि वह राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर सकते हैं और अगर उनके पत्रों का जवाब नहीं मिला तो वह फौजदारी प्रक्रिया भी शुरू कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जब से हमारी सरकार आई है, बहुत काम किए गए हैं। सिर्फ अगस्त महीने में 41 किलो हेरोइन ज़ब्त की गई। अब तक 753 गैंगस्टर गिरफ्तार हुए। 786 हथियार और वाहन ज़ब्त किए गए हैं। कानून व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में है।
राज्य में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने राज्यपाल की इस चेतावनी पर केन्द्र से मणिपुर तथा हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लगाने को कहा। हालांकि, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने आप पर ‘‘टकराव पैदा करने वाला रवैया’’ अपनाने का आरोप लगाया। मान को भेजे गए अपने ताजा पत्र में राज्यपाल पुरोहित ने संकेत दिया कि वह अपने पहले के पत्रों का जवाब नहीं मिलने से निराश हैं और मुख्यमंत्री को चेतावनी दी कि वह ‘‘संवैधानिक तंत्र की विफलता’’ पर राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेज सकते हैं।
पुरोहित ने मान को सलाह दी कि वह (राज्यपाल) संविधान के अनुच्छेद 356 और भारतीय दंड संहिता की धारा 124 के तहत ‘अंतिम निर्णय’ लें, इससे पहले वह (मुख्यमंत्री) उचित कदम उठाएं। सामान्य रूप से राज्यपाल द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर अनुच्छेद 356 के तहत राज्य को प्रत्यक्ष रूप से केन्द्र के शासन के तहत लाया जाता है यानी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाता है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 124 राष्ट्रपति या राज्यपाल को अपने कानूनी/संवैधानिक शक्तियों का उपयोग करने से गलत तरीके से रोके जाने से संबद्ध है। पुरोहित ने लिखा है, ‘‘इसलिए मैं आपको सलाह देता हूं, चेतावनी देता हूं और आपको मेरे पत्रों का उत्तर देने तथा मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराने को कहता हूं।’’
राज्यपाल ने लिखा है, ‘‘इससे पहले कि मैं अनुच्छेद 356 के तहत संवैधानिक तंत्र की विफलता पर भारत की राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेजने और भारतीय दंड संहिता की धारा 124 के तहत फौजदारी प्रक्रिया शुरू करने का अंतिम फैसला करूं, मैं आपसे उपरोक्त पत्र में उल्लेखित पत्रों में मांगी गई सूचनाएं उपलब्ध कराने और राज्य में मादक पदार्थों की समस्या से निपटने के लिए आपके द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी मुहैया कराने को कहूंगा, ऐसा नहीं होने पर मेरे पास कानून और संविधान के अनुसार कार्रवाई करने के अलावा अन्य विकल्प नहीं होगा।’’
मुख्यमंत्री को भेजी गई चिट्ठी में पुरोहित ने अपने एक अगस्त के पत्र का जिक्र किया और कहा कि मान ने मांगी गई जानकारी अभी तक उपलब्ध नहीं करायी है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि आप मेरे द्वारा मांगी गई जानकारी देने से जानबूझकर इंकार कर रहे हैं।’’