वरिष्ठ आईएएस अधिकारी का धर्म प्रचार वाला वीडियो वायरल : जांच के लिए एसआईटी गठित
By भाषा | Updated: September 28, 2021 18:45 IST2021-09-28T18:45:58+5:302021-09-28T18:45:58+5:30

वरिष्ठ आईएएस अधिकारी का धर्म प्रचार वाला वीडियो वायरल : जांच के लिए एसआईटी गठित
कानपुर/लखनऊ (उत्तर प्रदेश), 28 सितंबर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अध्यक्ष तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखारउद्दीन द्वारा कथित रूप से अपने सरकारी आवास में धार्मिक सभा आयोजित कर इस्लाम के प्रचार संबंधी तकरीर किए जाने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं।
सरकार ने इस मामले की जांच के लिए विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) गठित किया है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो कथित तौर पर उस वक्त का है जब इफ्तिखारउद्दीन कानपुर के मंडलायुक्त थे। हालांकि इस वीडियो की तारीख के बारे में जानकारी नहीं हो सकी है।
वीडियो में आईएएस अधिकारी कुछ मुस्लिम धर्म गुरुओं के साथ बैठे नजर आ रहे हैं और कथित रूप से देश के हर घर तक इस्लाम फैलाने की नीतियों पर बात कर रहे हैं।
ऐसा ही एक अन्य वीडियो भी जारी हुआ है जिसमें अधिकारी कथित तौर पर अपने सरकारी आवास में जमीन पर बैठे हैं और एक वक्ता कट्टरता भरा बयान दे रहा है।
इस बीच, सरकार ने मामले की जांच के लिए विशेष अनुसंधान दल गठित किया है।
गृह विभाग ने एक ट्वीट में बताया कि कानपुर के आईएएस इफ्तिखारउद्दीन के मामले में शासन द्वारा एसआईटी से जांच के आदेश दिए गए हैं।
एसआईटी के अध्यक्ष सीबीसीआईडी के महानिदेशक जी एल मीणा हैं जबकि कानपुर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक भानु भास्कर इसके सदस्य हैं। एसआईटी सात दिनों के अंदर शासन को अपनी रिपोर्ट देगी।
इसके अलावा कानपुर के पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने बताया कि अपर पुलिस उपायुक्त (पूर्वी) सोमेंद्र मीना को आईएएस अधिकारी इफ्तिखारउद्दीन के उन कथित वीडियो को जांच सौंपी गई है।
उन्होंने बताया कि इस बात की जांच की जा रही है कि वे वीडियो वाकई वास्तविक हैं और क्या उनमें दिखाई जा रही सामग्री में कोई अपराध होना पाया जाता है या नहीं।
भूपेश अवस्थी नामक व्यक्ति ने इस मामले में आईएएस अधिकारी इफ्तिखारउद्दीन के खिलाफ राज्य सरकार से लिखित शिकायत की थी और उसने वे वीडियो भी उपलब्ध कराए थे।
इस बीच प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने इस मामले पर कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि इफ्तिखारउद्दीन किसी सरकारी स्थान पर बैठे हैं और धर्म प्रचार की बातें कर रहे हैं। यह संवैधानिक तौर पर उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खासतौर पर धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर काफी सख्त रुख अपना रही है। सरकार ने ऐसे मामलों के खिलाफ कड़ा कानून भी बनाया है। ऐसे किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी जो बलपूर्वक या प्रलोभन देकर किसी का धर्मांतरण कराता है।
उधर, बिठूर से भाजपा विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने कहा कि एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी का ऐसे मामले में शामिल होना गंभीर चिंता का विषय है।
उन्होंने आईएएस अफसर मोहम्मद इफ्तिखारउद्दीन को 'पढ़ा-लिखा औरंगजेब' करार दिया और कहा कि वह कानपुर के मौजूदा मंडलायुक्त राजशेखर से कहेंगे कि वह बिठूर से गंगाजल लाकर मंडलायुक्त कार्यालय का शुद्धिकरण कराएं।
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को उन्नाव में संवाददाताओं से बातचीत में इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि मामले की जांच कर उचित कार्यवाही की जाएगी।
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