पणजी, 19 दिसंबर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को गोवा के 60वें मुक्ति दिवस के अवसर पर कहा कि पुर्तगाली शासन से गोवा की मुक्ति के लिए सभी समुदायों के लोगों ने लड़ाई लड़ी और उसके बाद की सभी सरकारों ने इसकी प्रगति में योगदान दिया।
गोवा 19 दिसंबर, 1961 को पुर्तगाल के औपनिवेशिक शासन से मुक्त हुआ था।
राष्ट्रपति ने दोपहर के समय राज्य में पहुंचने के बाद आजाद मैदान में शहीद स्मारक पर माल्यार्पण कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। बाद में वह इस दिवस पर राज्य सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम "गोवा@60" में शामिल हुए।
केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपाद नाइक, राज्यपाल बी एस कोश्यारी और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी उनके साथ मंच पर मौजूद थे।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘गोवा जब पुर्तगाली शासन से मुक्त हुआ था, तब यह एक विकसित राज्य नहीं था, लेकिन 60 साल के कालखंड में इस राज्य की प्रति व्यक्ति आय (देश में) सबसे अधिक हो गई है।’’
कोविंद ने कहा, "इस उपलब्धि का श्रेय किसी व्यक्ति विशेष या किसी खास अवधि को नहीं दिया जा सकता है। यह राज्य की विभिन्न सरकारों और विभिन्न परिस्थितियों में किए गए सामूहिक प्रयासों के कारण हासिल हो पाया है।"
राष्ट्रपति ने राज्य की प्रगति में योगदान देने वाले कई नेताओं का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सावंत ने "आत्मनिर्भर भारत, स्वयंपूर्ण गोवा" अभियान को आगे बढ़ाया है और दिवंगत मनोहर पर्रिकर की विरासत को आगे ले जा रहे हैं।
कोविंद ने यह भी कहा कि गोवा में स्थित दवा कंपनियों ने कोविड-19 महामारी के बीच विश्व स्तर पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा कि गोवा एक महत्वपूर्ण आईटी हब के रूप में उभर रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि राज्य में आतिथ्य सत्कार पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण रहा है।
उन्होंने कहा कि गोवा के मुक्ति संघर्ष का उद्देश्य सिर्फ नागरिक स्वतंत्रता नहीं थी, बल्कि भारत की मुख्यधारा में शामिल होना भी था।
कोविंद ने कहा, "सभी संगठनों और समुदायों ने मिलकर पुर्तगाली शासन से राज्य को मुक्त करने के लिए लड़ाई लड़ी।"
केंद्रीय मंत्री नाइक ने सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी और गोवा को आजाद कराने वाले भारतीय सशस्त्र बलों की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि पर्यटन और खनन गोवा की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, जबकि राज्य में कृषि क्षेत्र को बढ़ाया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री सावंत ने कहा कि गोवा में संघर्ष का एक लंबा इतिहास रहा है, क्योंकि यह शेष भारत की तुलना में अधिक समय तक औपनिवेशिक शासन के अधीन था।
उन्होंने कहा, "गोवा@60 कार्यक्रम शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में अगले साठ वर्षों का खाका तय करेगा।
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