कोरोना की दूसरी लहर थमने के बाद तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के बाद डेल्टा प्लस वेरिएंट ने चिंता बढ़ा दी है। तीसरी लहर में सबसे ज्यादा बच्चों के प्रभावित होने की बात की जा रही है। ऐसे में केंद्र सरकार ने रविवार को कहा कि 12 से 18 साल के बच्चों के लिए जुलाई या अगस्त से वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू हो सकता है।
टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के कोविड-19 कार्य समूह के प्रमुख डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा कि दवा उत्पादक कंपनी जायडस कैडिला की कोविड-19 वैक्सीन जायकोव-डी का परीक्षण लगभग पूरा हो चुका है। ऐसे में जुलाई के आखिर या फिर अगस्त से हम 12 से 18 उम्र की आयुवर्ग के बच्चों को वैक्सीन देना शुरू किया जा सकता है।
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक दवा निर्माता कंपनी जायडस कैडिला जल्द ही भारत के औषधि महानियंत्रण के समक्ष अपने कोविड-19 रोधी टीके ‘जायकोव-डी’ के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन कर सकती है। कंपनी का दावा है कि इस वयस्कों और बच्चों दोनों को दिया जा सकता है।
एक दिन पहले 26 जून को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि बच्चों के लिए कोविड-19 टीकों की उपलब्धता एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी और इससे स्कूल खुलने तथा उनके लिए बाहर की गतिविधियों के लिए मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक के टीके कोवैक्सीन के दो से 18 साल आयुवर्ग के बच्चों पर किए गए दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण के आंकड़ों के सितंबर तक आने की उम्मीद है।