जोशीमठ के बाद अब चमोली में भी संकट के बादल; कर्णप्रयाग में घरों में आई बड़ी-बड़ी दरारें, प्रशासन ने लोगों को किया स्थानांतरित
By अंजली चौहान | Published: February 6, 2023 11:29 AM2023-02-06T11:29:00+5:302023-02-06T11:31:52+5:30
जानकारी के मुताबिक, चमोली जिले के कर्णप्रयाग क्षेत्र में करीब 38 घरों में दरारें आई हैं। इन घरों से लोगों को निकालकर रैन बसेरों में पहुंचा दिया गया है।
चमोली: उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में आई आपदा अब राज्य के अलग-अलग जिलों में भी अपना कहर बरपा रही है। जोशीमठ में घरों, होटलों और जमीनों पर आई बड़ी-बड़ी दरारें, अब चमोली जिले के कर्णप्रयाग में भी नजर आ रही है। खतरे को देखते हुए प्रशासन ने लोगों को इलाके से बाहर निकालने का काम भी कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक, चमोली जिले के कर्णप्रयाग क्षेत्र में करीब 38 घरों में दरारें आई हैं। कर्णप्रयाग के तहसीलदार सुरेंद्र देव ने कहा कि इससे 38 परिवार प्रभावित हुए हैं। इन घरों से लोगों को निकाल कर नगर पालिका के रैन बसेरों और आईटीआई कॉलेज की कक्षाओं में स्थानांतरित कर दिया गया है।
उत्तराखंड: चमोली जिले के कर्णप्रयाग क्षेत्र में 38 घरों में दरारें हुईं।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 6, 2023
कर्णप्रयाग के तहसीलदार सुरेंद्र देव ने कहा, "इससे 38 परिवार प्रभावित हुए हैं मकान खाली करने के बाद सभी प्रभावित परिवारों को नगर पालिका के रैन बसेरों और ITI कॉलेज की कक्षाओं में स्थानांतरित कर दिया गया है।" pic.twitter.com/fbX07PBjI7
इसके बाद प्रशासन की टीम ने क्षतिग्रस्त मकानों और दूसरे भवनों का निरीक्षण किया। टीम ने निरीक्षण के बाद कुछ घरों को बेहद खतरनाक बताया है। इन घरों को पूरी तरह से खाली करा लिया गया है।
बता दें कि उत्तराखंड के जोशीमठ में दरारों के कारण सैकड़ों परिवारों को अपने घरों को छोड़कर जाना पड़ा है। राज्य सरकार ने 296 परिवारों के 995 सदस्यों को धंसाव प्रभावित इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया है।
जोशीमठ में जमीन धंसने के कारण उत्तराखंड सरकार ने तपोवन-विष्णुगढ़ बिजली परियोजना और हेलोंगमारवाड़ी बाईपास रोड सहित पूरे जोशीमठ क्षेत्र में सभी निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा दी है।