स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान 'बौद्ध मठों को तोड़कर हिंदू मंदिर बनाए गए' पर उत्तराखंड के सीएम धामी ने किया पलटवार, कही ये बात

By अनिल शर्मा | Published: July 28, 2023 11:06 AM2023-07-28T11:06:52+5:302023-07-28T11:23:50+5:30

सीएम धामी ने बदरीनाथ पर स्वामी प्रसाद की टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि बदरीनाथ धाम करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। उनका विचार विपक्षी दलों में सिमी और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की विचारधारा के वर्चस्व को दर्शाता है। 

Uttarakhand CM Dhami hit back at Swami Prasad Maurya statement Hindu temples were built by demolishing Buddhist monasteries | स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान 'बौद्ध मठों को तोड़कर हिंदू मंदिर बनाए गए' पर उत्तराखंड के सीएम धामी ने किया पलटवार, कही ये बात

स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान 'बौद्ध मठों को तोड़कर हिंदू मंदिर बनाए गए' पर उत्तराखंड के सीएम धामी ने किया पलटवार, कही ये बात

Highlightsसपा नेता ने बदरीनाथ धाम का भी नाम लिया और दावा किया कि बदरीनाथ धाम भी आठवीं शताब्दी तक बौद्ध मठ था।सपा नेता ने कहा था कि गड़े मुर्दे उखाड़े जाएंगे तो बात बहुत दूर तक जाएगी।

लखनऊः ज्ञानवापी प्रकरण में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कुछ ऐसा बयान दे दिया जिसपर विवाद खड़ा हो गया है। स्वामी प्रसाद ने कहा कि अगर पुरातत्व विभाग से जांच कराई जा रही है, तो सभी हिंदू मंदिरों की भी जांच कराई जानी चाहिए। इनमें से अधिकांश मंदिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गए हैं।

सपा नेता ने बदरीनाथ धाम का भी नाम लिया और दावा किया कि बदरीनाथ धाम भी आठवीं शताब्दी तक बौद्ध मठ था। स्वामी प्रसाद के इस बयान पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पलटवार किया और कहा कि 'महाठगबंधन' में शामिल समाजवादी पार्टी के एक नेता का बयान कांग्रेस और सहयोगियों की देश और धर्म विरोधी सोच को दर्शाता है।

सीएम धामी ने बदरीनाथ पर स्वामी प्रसाद की टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि बदरीनाथ धाम करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। उनका विचार विपक्षी दलों में सिमी और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की विचारधारा के वर्चस्व को दर्शाता है।  

सीएम धामी के अलावा चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने भी सपा नेता के बयान पर आपत्ति जताई है। महापंयात ने कहा कि वे पहले अध्ययन करें। उसके बाद ही अपना ज्ञान बांटे। महापंचायत के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल, महासचिव डा. बृजेश सती ने कहा कि मौर्य धर्म की आड़ में अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे हैं। बदरीनाथ चार धामों में प्रमुख धाम है। जिसे मोक्ष का धाम भी कहा जाता है।

महापंचायत ने कहा कि यह धाम बौद्ध धर्म के अस्तित्व में आने के पहले से विख्यात है। बकौल महापंचायत- आदि गुरु शंकराचार्य का प्रादुर्भाव पांचवीं सदी में हुआ था। उनके द्वारा ही बदरीनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक स्वामी प्रसाद जल्द ही उन मंदिरों की सूची लेकर आएंगे जिन्हें बौद्ध मठों को तोड़कर बनाया गया। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म स्थलों की पहले क्या स्थिति थी? इसकी जांच होनी चाहिए। गड़े मुर्दे उखाड़े जाएंगे तो बात बहुत दूर तक जाएगी। बेहतर तो यह रहेगा कि समाज में भाईचारा और सौहार्द बना रहे। इसलिए 15 अगस्त 1947 को देश में जिस धार्मिक स्थल की जो स्थिति थी, उसे बरकरार रखा जाए। 

 

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