लखनऊः उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था और बेरोजगारी के मुद्दे पर बुधवार को कांग्रेस नेताओं ने लखनऊ में जोरदार तरीके से विरोध प्रदर्शन किया. प्रदेश सरकार ने लखनऊ में धारा 163 लागू कर कांग्रेस नेताओं को विधानसभा के सामने तो नहीं आने दिया, लेकिन कांग्रेस नेताओं ने योगी सरकार की नीतियों के खिलाफ ज़ोरदार प्रदर्शन कर अपनी ताकत का अहसास कराया. कांग्रेस कार्यालय से बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा का घेराव करने जा रहे अध्यक्ष अजय राय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, लेकिन कई जुझारू कार्यकर्ता पुलिस की घेराबंदी तोड़कर विधानसभा के सामने पहुंच गए.
इन कार्यकर्ताओं ने विधानसभा के सामने तिरंगा फहरा कर अपनी गिरफ्तारी दी. जबकि कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता अनुराधा मिश्रा और विधायक वीरेंद्र चौधरी ने विधानसभा परिसर में चरण सिंह की प्रतिमा के सामने बैरन पोस्टर के साथ विरोध प्रदर्शन किया. यूपी कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे को होटल में ही पुलिस ने नजरबंद कर लिया.कांग्रेस के इस विरोध प्रदर्शन को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मुद्दाविहीन प्रदर्शन बताया है.
कांग्रेस नेताओं को नजरबंद किया गया
योगी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने 18 नवंबर को विधानसभा घेराव का ऐलान किया था. कांग्रेस के इस कार्यक्रम को लेकर प्रदेश भर के कार्यकर्ता मंगलवार की रात को ही लखनऊ पहुंचने लगे थे. बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यालय पर कार्यकर्ताओं का जुटान होने की सूचना मिलते ही प्रदेश सरकार भी सक्रिय हुई.
आनन-फानन में लखनऊ में धारा 163 लागू कर लोगों को एक जगह एकत्र होने के रोकना गया. फिर विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए आए जो कांग्रेसी नेता होटल में रुके थे, उन्हे होटल से बाहर नहीं आने दिया गया. इसके साथ ही लखनऊ में कांग्रेस के बड़े नेताओं को उनके घर में नजरबंद कर लिया गया.
कांग्रेस नेता सुरेन्द्र राजपूत को घर पुलिस पहुंच गई. यहीं नहीं लखनऊ में कांग्रेस कार्यालय के बाहर आरएएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) के जवानों की तैनाती कर दी गई. विधानसभा की तरफ आने वाले हर रास्ते पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए नुकीली बैरीकेडिंग खड़ी की गई.
सड़क पर दिखाई कांग्रेस नेताओं ने ताकत
पुलिस के इस तगड़े इंतजाम के बाद भी हजारों कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के साथ कांग्रेस कार्यालय ने निकले तो पुलिस ने उन्हे रोकने का प्रयास किया. तो देखते ही देखते पुलिस के साथ कांग्रेस नेताओं की धक्का मुक्की होने लगी. इसी दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता बैरिकेडिंग पर चढ़ गए. तो पुलिस ने विरोध प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया.
इसी बीच पुलिस ने अजय राय सहित सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया. धक्का मुक्की के बीच हुई गिरफ्तारी से अजय राय बेहोश हो गए तो उन्हे एम्बुलेंश से इलाज के लिए ले जाया गया. कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन विधानसभा के परिसर में भी हुआ. कांग्रेस विधानमंडल दल नेता आराधना मिश्रा मोना और विधायक वीरेंद्र चौधरी ने विधानसभा परिसर में किसानों को यूरिया न मिलने और प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर प्रदर्शन किया. कांग्रेस नेताओं ने पुलिस-प्रशासन पर जबर्दस्ती रोकने का आरोप लगाया गया है.
जबकि पुलिस ने इस मामले में कहा कि विधानसभा की कार्यवाही को लेकर धारा 163 लागू है. निषेधाज्ञा लागू होने के कारण इस इलाके में प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जा सकती है. कांग्रेस नेता विधानसभा जाने की जिद कर रहे थे, इसलिए उन्हे गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार किए गए नेताओं को जल्दी ही रिहा कर दिया जाएगा.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अध्यक्ष अजय का दावा है कि कांग्रेस ने योगी सरकार की जनविरोधी नीतियों और तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाई है और यह सिलसिला अब जारी रहेगा. कांग्रेस ने अपनी ताकत का फिर से अहसास कराया है और लखनऊ सहित समूचे प्रदेश में योगी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ कांग्रेस ने आवाज बुलंद की है.