Uttar Pradesh Road Accident: यूपी में नो हेल्मेट, नो एंट्री, नो अटेंडेंस?, चार साल से ऊपर के बच्चे को भी हेल्मेट लगाना अनिवार्य

By राजेंद्र कुमार | Updated: February 6, 2025 18:04 IST2025-02-06T18:02:58+5:302025-02-06T18:04:06+5:30

Uttar Pradesh Road Accident:

Uttar Pradesh Road Accident No helmet, no entry, no attendance in UP It mandatory children above four years to wear helmets | Uttar Pradesh Road Accident: यूपी में नो हेल्मेट, नो एंट्री, नो अटेंडेंस?, चार साल से ऊपर के बच्चे को भी हेल्मेट लगाना अनिवार्य

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Highlightsबीते एक साल में 31 फीसदी मौतें दो पहिया वाहन चलाने वालों की हुई हैं।यूपी में बढ़ती सड़क दुर्घताओं पर सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने चिंता जताई।यूपी में चार साल से ऊपर के बच्चे को भी हेल्मेट लगाना अनिवार्य किया जाए।

लखनऊः उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनों के दौरान दुपहिया वाहन चालको की मौत के लगातार बढ़ रहे आंकड़ों पर सड़क सुरक्षा को लेकर गठित सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने चिंता जताई है. इस कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस अभय मनोहर सप्रे ने लखनऊ में विभिन्न सरकारी विभागों के आला अफसरों के साथ बैठक करते हुए सड़क सुरक्षा के मानकों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिया है. इसके साथ ही इन कमेटी ने यूपी में नो हेल्मेट- नो फ्यूल के बाद अब नो हेलमेट- नो एंट्री- नो अटेंडेंस को लागू करने का सुझाव दिया. नो हेल्मेट  - नो एंट्री- नो अटेंडेंस को स्पष्ट करते हुए कमेटी ने कहा कि बिना हेलमेट दफ्तर आने वाले कर्मचारियों और स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों की अनुपस्थिति दर्ज की जाए. इसके साथ ही राज्य में चार साल से ऊपर के बच्चे को भी लगाना अनिवार्य किया जाए.

इन सभी सुझावों को सख्ती से लागू किया जाए. कमेटी ने राज्य में एक्सप्रेस वे और राष्ट्रीय राजमार्गों पर इलेक्ट्रानिक इंफोर्समेंट डिवाइसेस न लगाए जाने पर नाराजगी भी जताई अहि एयर कहा है कि दुर्घटना बाहुल्य सड़कों पर ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर उसे सुधारने के साथ ही कैमरा लगाने के साथ सड़क सुरक्षा से जुड़े मनको को पूरा किया जाए.

लखनऊ के योजना भवन में कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस अभय मनोहर सप्रे ने एक्स्प्रेसवे तथा राष्ट्रीय राजमार्ग पर बढ़ रही दुर्घटनों पर चिंता जताई. बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने उन्होने सड़क दुर्घटनों को रोकने को लेकर सुझाव भी मांगे. तो उन्हे बताया गया कि लखनऊ में  नो हेल्मेट- नो फ्यूल अभियान चलाया जा रहा है.

जिसके तहत पेट्रोल पंप पर बिना हेल्मेट के आने वाले दुपहिया वाहन में पेट्रोल नहीं भरा जा रहा है. इस अभियान की सराहना करते हुए जस्टिस अभय मनोहर सप्रे ने कहा कि अब इस अभियान में नो हेल्मेट- नो एंट्री- नो अटेंडेंस का प्रविधान जोड़ा जाए. मतलब सभी सरकारी विभागों, अर्द्ध सरकारी विभागों, बैंक, स्कूल-कॉलेजों के साथ ही निजी संस्थानों में भी बिना हेलमेट वाहन से आने वाले के कर्मचारियों और विद्यार्थियों को अनुपस्थित माना जाए. ताकि राज्य में अपनी सुरक्षा को लेकर एक वातावरण बने और लोग हेल्मेट पहनकर ही दुपहिया वाहन चलाएं.

ऐसा होने पर सड़क हादसों में होने वाली मौतों का आंकड़ा कम होगा और लोग भी सुरक्षित रहेंगे. इस बैठक में बताया गया कि सड़क हादसों में बीते एक साल में 31 फीसदी मौतें दो पहिया वाहन चलाने वालों की हुई हैं. इन आंकड़ों को खतरनाक बताते हुए बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि दो पहिया वाहनों पर पीछे बैठने वालों को भी हेलमेट लगाने के लिए जागरुक किया जाए. पीछे बैठे बच्चे की उम्र अगर चार साल से अधिक है तो उसे भी हेलमेट लगाना जरूरी किया जाए. ऐसा न होने पर वाहन चालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. 

दिए गए यह सुझाव

इसके अलावा बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक के. सत्यनारायण ने अन्य राज्यों की भांति प्रत्येक जिले में यातायात तथा सड़क दुर्घटना से संबंधित विशिष्ट कार्यों के लिए यातायात थाना बनाने का सुझाव दिया. अपर मुख्य सचिव परिवहन वेंकेटेश्वर लू ने यह कहा कि परिवहन विभाग की ऑनलाइन योजनाओं के पोर्टल के उपयोग के लिए जन-सुविधा केंद्रों का सहयोग लिया जाए.

जबकि परिवहन आयुक्त बीएन सिंह ने परिवहन तथा अन्य सभी स्टेक होल्डर विभागों में प्रयुक्त होने वाले सभी प्रकार के पोर्टल को एक प्लेटफार्म पर एकीकृत करने का सुझाव दिया. इन सभी सुझावों पर अध्यक्ष ने आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं. यह भी कहा कि यूपी के सभी राष्ट्रीय राज्य मार्गों पर स्पीड कैमरा, एएनपीआर कैमरा, सीसीटीवी कैमरे लगाने की कार्रवाई समय से पूरी की जाए. 

Web Title: Uttar Pradesh Road Accident No helmet, no entry, no attendance in UP It mandatory children above four years to wear helmets

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