Uttar Pradesh LS polls 2024: दादा के सपनों को पूरा करने उतरे जियाउर्रहमान बर्क, मंदिर के मुद्दे से क्या संभल में भाजपा खिला पाएगी कमल, बीते लोकसभा चुनाव परिणाम जानें
By राजेंद्र कुमार | Published: April 6, 2024 06:53 PM2024-04-06T18:53:22+5:302024-04-06T18:54:20+5:30
Uttar Pradesh LS polls 2024: बीते लोकसभा चुनाव में इस सीट से डॉक्टर शफीकुर्रहमान बर्क ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के परमेश्वर लाल सैनी को हराया था.
Uttar Pradesh LS polls 2024: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद मंडल में संभल बेहद ही चर्चित प्राचीन शहर है. सतयुग में इस जगह का नाम सत्यव्रत हुआ करता था, फिर त्रेता युग में इसे महदगिरि और द्वापर युग में पिंगल कहा गया. कलयुग में संभल नाम पड़ा, हालांकि जब मायावती यूपी की सीएम बनी तो उन्होंने इसका नाम भीमनगर कर दिया. अखिलेश यादव ने यूपी की सत्ता संभालने पर भीमनगर को फिर संभल में बदल दिया. फिलहाल संभल को समाजवादी पार्टी (सपा) के गढ़ के रुप में जाना जाता है. मुलायम सिंह यादव संभल संसदीय सीट से दो बार चुनाव जीते थे. बीते लोकसभा चुनाव में इस सीट से डॉक्टर शफीकुर्रहमान बर्क ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के परमेश्वर लाल सैनी को हराया था. फिलहाल इस सीट पर सपा और भाजपा के उम्मीदवारों के बीच ही चुनावी मुक़ाबला हो रहा है.
इसकी मुख्य वजह बीते लोकसभा चुनाव में सपा के झंडे तले चुनाव जीते शफीकुर्रहमान बर्क का हाल ही में हुआ निधन है. संभल का राजनीतिक इतिहास बर्क के बिना अधूरा है. वह संभल से चार बार विधायक और दो बार सांसद रहे. वह इस जिले की पहचान बन गए. वह ना केवल संभल बल्कि पूरे यूपी में तुर्क बिरादरी के सबसे बड़े नेता थे.
यहीं वजह है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने संभल सीट से उनके पोते जियाउर्रहमान बर्क को चुनाव लड़ाने का फैसला किया. भाजपा ने परमेश्वर लाल सैनी को फिर चुनाव मैदान में उतारा है. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने शौकत अली को उम्मीदवार बनाकर इस मुस्लिम बाहुल्य सीट पर होने वाले चुनावी संघर्ष को त्रिकोणात्मक बनाने का प्रयास कर रही है.
इस सीट पर तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होना है. चुनाव परिणाम आने के पहले ही कुंदरकी विधानसभा सीट से विधायक जियाउर्रहमान बर्क इस संसदीय क्षेत्र को शिक्षा का गढ़ बनाने का दावा कर रहे हैं. वह कहते हैं कि मेरे दादा शफीकुर रहमान बर्क संभल की जनता के सुख-दुख में हमेशा ही सहभागी रहे हैं मैं उनके सपनों को पूरा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा.
इस प्राचीन शहर में भाजपा के झूठ को चलने नहीं दूंगा. इस सीट का एक रोचक इतिहास भी है कि बीते 40 सालों से कांग्रेस को यहां अपनी जीत का इंतजार है. जबकि वर्ष 1989 के बाद से अब तक हुए नौ चुनाव में 4 बार सपा, 2-2 बार बसपा और जनता दल को जीत मिली और वर्ष 2014 में भाजपा पहली बार इस सीट से चुनाव जीती.
एक समय में इस सीट पर यादव बिरादरी का दबदबा रहा करता था क्योंकि यहां से 6 सांसद यादव बिरादरी से चुने गए. फिलहाल संभल में भाजपा मंदिर के मुद्दे को उभारने की फिराक में हैं. भाजपा के नेता अयोध्या, काशी और मथुरा के सवाल पर सपा और कांग्रेस पर हमलावर हैं.
19 फरवरी को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां कल्कि मंदिर की आधारशिला रखने आए थे. अब देखना यह है कि मुस्लिम बाहुल्य इस सीट पर मंदिर का मुददा असर दिखाएगा या जियाउर्रहमान बर्क इसे सपा का गढ़ बनाए रखने में सफल होंगे.
बीते लोकसभा का चुनाव परिणाम :
शफीकुर्रहमान बर्क (सपा) : 6,58,006
परमेश्वर लाल सैनी (भाजपा) : 4,83,180
मेजर जगत पाल सिंह (कांग्रेस) : 12,104