लाइव न्यूज़ :

कोरोना वायरस महामारी के कारण निराश्रित हुए बच्चों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने की पहल

By भाषा | Updated: May 29, 2021 23:41 IST

Open in App

लखनऊ, 29 मई कोरोना वायरस के कारण बेसहारा हुए बच्चों के लालन-पालन, पढाई समेत उन्हें सभी संसाधन उपलब्ध कराने के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को 'उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' की शुरूआत की।

उत्तर प्रदेश सरकार का यह आदेश बेसहारा बच्चों के संबंध में उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी के एक दिन बाद आया है।

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा था कि वह इसकी कल्पना तक नहीं कर सकता कि कोविड-19 महामारी के कारण इतने बड़े देश में कितने बच्चे अनाथ हो गए और इसी के साथ उसने राज्य प्राधिकारियों को ऐसे बच्चों की तत्काल पहचान करने तथा उन्हें राहत मुहैया कराने का निर्देश दिया था।

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 के कारण बेसहारा हुए बच्चों की राज्य सरकार द्वारा समुचित देखभाल की जाएगी। ऐसे बच्चों को जीवन में उन्नति के सभी अवसर उपलब्ध हो सकें, इसके लिए राज्य सरकार सभी जरूरी प्रबन्ध करने के लिए तत्पर है। इसी के तहत ''उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना'' की शुरूआत की जा रही है।

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार उत्तर प्रदेश में ऐसे 197 बच्चे हैं जिनके मां-बाप दोनों का निधन हो गया है। इसके अलावा 1799 ऐसे बच्चे हैं जिनके माता-पिता में से किसी एक का निधन हुआ है, लेकिन ऐसे बच्चों के परिजनों की जांच की जायेगी कि उनके माता या पिता की वार्षिक आय कितनी है।

प्रवक्ता के मुताबिक उत्तर प्रदेश में लगभग करीब एक हजार ऐसे बच्चे होंगे जिन्हें उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत सहायता मिलेगी।

प्रवक्ता के अनुसार इस योजना के तहत बच्चे के वयस्क होने तक उनके अभिभावक अथवा देखभाल करने वाले को 4,000 रूपये प्रति माह की वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी। दस वर्ष की आयु से कम के ऐसे बच्चे जिनका कोई अभिभावक अथवा परिवार नहीं है, ऐसे सभी बच्चों को प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र सरकार की सहायता से अथवा अपने संसाधनों से संचालित राजकीय बाल गृह (शिशु) में देखभाल की जाएगी। मथुरा, लखनऊ प्रयागराज, आगरा एवं रामपुर में राजकीय बाल गृह (शिशु) संचालित हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अवयस्क बालिकाओं की देखभाल सुनिश्चित की जाएगी। उन्हें केंद्र सरकार द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (आवासीय) में अथवा प्रदेश सरकार द्वारा संचालित राजकीय बाल गृह (बालिका) में रखा जाएगा। वर्तमान में प्रदेश में 13 ऐसे बाल गृह संचालित हैं। इसके अलावा, प्रदेश में स्थापित किए जा रहे 18 अटल आवासीय विद्यालयों में रखकर उनकी देखभाल की जाएगी।

प्रवक्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा कि बालिकाओं के विवाह की समुचित व्यवस्था के लिए प्रदेश सरकार बालिकाओं की शादी के लिए 1,01,000 की राशि उपलब्ध कराएगी। स्कूल अथवा कॉलेज में पढ़ रहे अथवा व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण कर रहे ऐसे सभी बच्चों को टैबलेट, लैपटॉप की सुविधा उपलब्ध कराएगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटACC U-19 Asia Cup: 26 गेंद, 50 रन, 5 चौके और 3 छक्के?, एक और तोड़फोड़ प्रदर्शन, मलेशिया ने खिलाफ कमाल की पारी

क्रिकेटIPL 2026 Auction: कब, कहां और कैसे देखें आईपीएल की नीलामी? जानें यहां

क्राइम अलर्टरात 2 बजे गोलीबारी, 2 भाई 31 वर्षीय फैजल और 33 वर्षीय नदीम को गोलियों से भूना, फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया

भारतNational Herald money laundering case: सोनिया और राहुल गांधी को राहत, अदालत ने संज्ञान लेने से किया इनकार

क्रिकेटIPL Auction 2026 Updates: 10 टीम के पास 237.55 करोड़ रुपये?, 359 खिलाड़ी, 77 जगह खाली, केकेआर के पास ₹64.30 और मुंबई इंडियंस झोली में ₹2.75 करोड़

भारत अधिक खबरें

भारतSIR in West Bengal: चुनाव आयोग ने जारी की SIR ड्राफ्ट लिस्ट, 58 लाख से ज्यादा नाम कटे, जानें वोटर लिस्ट में अपना नाम चेक करने का तरीका

भारतENG VS AUS Ashes 2025-26: तीसरे मैच में स्टीव स्मिथ कप्तान नहीं, कमिंस संभालेंगे कमान, सीरीज में 2-0 से आगे ऑस्ट्रेलिया, देखिए प्लेइंग इलेवन

भारतजम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बिजली सकंट, भयंकर ठंड के बीच बिजली की कटौती से लोगों को हो रही परेशानी

भारतदिल्ली-आगरा एक्सप्रेसवे पर कोहरे की वजह से भीषण हादसा, बसों और कारों में लगी आग; 4 की मौत

भारतरघुनाथ धोंडो कर्वे, ध्यास पर्व और डेढ़ सौ करोड़ हो गए हम