अखिलेश यादव के बंगले की जांच में अफसरों ने खड़े किए हाथ
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: June 23, 2018 07:39 PM2018-06-23T19:39:39+5:302018-06-23T19:39:39+5:30
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सरकारी आवास रहे चार विक्रमादित्य मार्ग में तोड़फोड़ की जांच से पीडब्ल्यूडी के अधिकारी कतरा रहे हैं। ऊपर के दबाव में विभाग ने जांच कमिटी तो बना दी, लेकिन जांच शुरू होने से पहले कमिटी के मुखिया स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर अवकाश पर चले गए।
लखनऊ, 23 जून (मीना-कमल): पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सरकारी आवास चार विक्रमादित्य मार्ग में तोड़फोड़ की जांच से पीडब्ल्यूडी के अधिकारी कतरा रहे हैं। ऊपर के दबाव में विभाग ने जांच कमिटी तो बना दी, लेकिन जांच शुरू होने से पहले कमिटी के मुखिया स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर अवकाश पर चले गए। विभाग के मुखिया ने भी अपनी जिम्मेदारी दूसरे अफसर के मत्थे मढ़ दी।
पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी आवास खाली करवाए गए थे। अखिलेश यादव द्वारा बंगला खाली करने के बाद राज्य सम्पत्ति विभाग ने उसे मीडिया के लिए खोला। इसके बाद बंगले में तोड़फोड़ और नुकसान की तस्वीरें सामने आई थीं। इस पर काफी हंगामा हुआ तो राज्य सम्पत्ति विभाग ने तोड़फोड़ की जांच के लिए पीडब्ल्यूडी से सहयोग मांगा।
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विगत 19 जून को पीडब्ल्यूडी ने तोड़फोड़ और नुकसान की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमिटी गठित करने की जानकारी दी। चीफ इंजिनियर (भवन) सुधांशु कुमार को इसका अध्यक्ष बनाया गया जबकि निर्माण निगम के एमडी, चीफ आर्किटेक्ट और भवन एवं इलेक्ट्रिकल के एक-एक इंजीनियर को इस कमेटी में शामिल किया गया।
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नियमानुसार यह टीम पीडब्ल्यूडी के विभागाध्यक्ष वी के सिंह की तरफ से गठित होनी चाहिए थी, लेकिन मामला पूर्व सीएम से जुड़ा होने के कारण उन्होंने खुद को इससे दूर रखा। जांच कमेटी के बनने के अगलेही दिन इसके अध्यक्ष सुधांशु कुमार स्वास्थ्य कारणों से अवकाश पर चले गए। टीम में निर्माण निगम के एमडी राजन मित्तल को
रखे जाने की बात कही गई थी, लेकिन उन्हें अब तक इस तरह का कोई आदेश नहीं मिला। फिलहाल, जांच ठंडे बस्ते में है।