उत्तर प्रदेश: 5 राज्यों के चुनाव परिणाम में चंद घंटों में सपा और बसपा की ताकत का होगा खुलासा

By राजेंद्र कुमार | Published: December 2, 2023 07:20 PM2023-12-02T19:20:32+5:302023-12-02T19:28:22+5:30

यह दोनों ही दल उत्तर प्रदेश में एक बड़ी राजनीतिक ताकत रखते हैं। बसपा ने राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ा है, जबकि सपा में सिर्फ मध्य प्रदेश में अपने प्रत्याशी खड़े किए।

Uttar Pradesh: Election results of 5 states will reveal the strength of SP and BSP in a few hours | उत्तर प्रदेश: 5 राज्यों के चुनाव परिणाम में चंद घंटों में सपा और बसपा की ताकत का होगा खुलासा

उत्तर प्रदेश: 5 राज्यों के चुनाव परिणाम में चंद घंटों में सपा और बसपा की ताकत का होगा खुलासा

Highlightsदेश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव को आगामी लोकसभा चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा हैन राज्यों में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच मुख्य चुनावी संघर्ष हुआबसपा ने राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ा है, सपा ने सिर्फ एमपी में अपने प्रत्याशी खड़े किए

लखनऊ: देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव को आगामी लोकसभा चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा है। इन राज्यों में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच मुख्य चुनावी संघर्ष हुआ। गुरुवार को आए एक्जिट पोल से भी इसकी पुष्टि हुई है। वहीं दूसरी तरफ यह बहस भी हो रही है कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कांग्रेस तथा भाजपा के बीच हुए चुनावी संघर्ष में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) भी  अपना खाता खोल पाएंगे या नहीं। यह दोनों ही दल उत्तर प्रदेश में एक बड़ी राजनीतिक ताकत रखते हैं। बसपा ने राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ा है, जबकि सपा में सिर्फ मध्य प्रदेश में अपने प्रत्याशी खड़े किए।

सपा को उम्मीद एमपी में खुलेगा खाता 

ऐसे में अब यूपी में यह सवाल किया जा रहा है कि क्या सपा और बसपा को राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की जनता का आशीर्वाद प्राप्त होगा? इन राज्यों में क्या सपा और बसपा के राजनीतिक ताकत बनकर उभरेंगे? इस दोनों ही सवालों का खुलासा चंद घंटों बाद रविवार को आने वाले चुनावों के परिणाम से हो जाएगा। फिलहाल तो यह कहा जा रहा है कि अगर सपा और बसपा को इन राज्यों के चुनावी सफलता मिली तो आगामी लोकसभा चुनावों के पहले उत्तर प्रदेश में यह दल कांग्रेस को पैर जमाने में रोड़े अटकाएंगे। सपा के इसकी वजह मध्य प्रदेश में कांग्रेस का सपा के लिए सीटे ना छोड़ना है। 

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों के पहले सपा और कांग्रेस के साथ गठबंधन की बातें चल रही थीं, लेकिन सीट शेयरिंग पर बात नहीं बन सकी। सपा मध्य प्रदेश में कांग्रेस से पांच से सात सीटें मांग रही थी, लेकिन कमलनाथ ने एक भी सीट नहीं दी। अखिलेश को यह बुरा लगा और उन्होंने कांग्रेस पर धोखा देने का आरोप लगाया। इसके बाद सपा ने 71 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे, लेकिन दो प्रत्याशियों के चुनाव नहीं लड़ा।

पार्टी के 69 प्रत्याशियों को जिताने के लिए अखिलेश ने मध्य प्रदेश में जमकर प्रचार किया। सपा एमएलसी राजपाल कश्यप का कहना है कि भाजपा और कांग्रेस के बीच हुई सीधी टक्कर में सपा का भी खाता खुल सकता है? राजपाल के अनुसार वर्ष 2018 में सपा एक सीट जीतने में कामयाब रही, जबकि 2003 में सपा को सात सीटें मध्य प्रदेश में मिली थीं।

बसपा की ताकत बढ़ेगी?

कुछ ऐसी ही उम्मीद बसपा मुखिया मायावती को भी है। यूपी सहित देश के तमाम राज्यों में बीते कुछ अरसे ले लगातार चुनाव हार रही बसपा राजस्थान में अकेले और मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ चुनावी तालमेल कर चुनाव मैदान में उतरी थी। इन तीनों राज्यों में बसपा का अपना सियासी आधार है। मध्य प्रदेश में बसपा ने 178 सीटों पर और छत्तीसगढ़ में 52 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए शेष सीटों पर इन राज्यों में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने अपने अपने प्र्तयशी खड़े किए।

राजस्थान में मायावती अपने दम पर चुनाव लड़ रही हैं। बसपा ने इस बार कांग्रेस और भाजपा के तमाम बागी नेताओं को चुनावी मैदान में उतारकर तीनों राज्यों में तमाम सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला बना दिया। एग्जिट पोल में इन तीनों राज्यों में बसपा का खाता खुलने की उम्मीद जताई गई है। इसी आधार पर अब कहा जा रहा है कि अगर कांग्रेस ने बसपा और सपा के साथ सीटों का तालमेल किया होता तो कांग्रेस के वोट और सीट में बड़ा इजाफा हो सकता था और इसका लाभ उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस को होता।

कांग्रेस ने ऐसा क्यों नहीं किया? यह तो अभी कोई बता नहीं पा रहा है, पर यह जरूर कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने सपा-बसपा से दूरी बना करा चूक की है। जिसके चलते कांग्रेस को अकेले ही भाजपा से चुनाव लड़ना पड़ा और सपा-बसपा का विरोध भी कांग्रेस को झेलना पड़ा। ऐसे में अब सपा और बसपा इन राज्यों में अपनी ताकत बढ़ाने में कितना सफल हुए यह अब चंद घंटों में पता चलेगा।

Web Title: Uttar Pradesh: Election results of 5 states will reveal the strength of SP and BSP in a few hours

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