लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ही योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर सत्ताधारी भाजपा पार्टी को तगड़ा झटका दिया है। यही नहीं, उनके इस्तीफे के बाद मंगलवार को लगातार कई विधायकों ने अपने इस्तीफे दिए। इस बीच स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे उत्कृष्ट मौर्य अशोक का बड़ा बयान सामने आया है। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर उत्कृष्ट ने कहा, 'आज भी ऐसी कोई बात नहीं है कि मेरे पिता मुझे या मेरी बहन के लिए टिकट चाहते हैं। मेरे पिता और पार्टी तय करेंगे कि मुझे चुनाव लड़ना है या वे मुझे आगामी विधानसभा चुनावों के लिए एक पार्टी कार्यकर्ता के रूप में चाहते हैं।'
स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिया बड़ा बयान
बता दें, उनका ये बयान तब सामने आया है जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा दे दिया है। मालूम हो, इस्तीफे के बाद मौर्य का बड़ा बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा था कि आगे की धार और आगे की वार देखते रहिए। अभी तो भाजपा से 10 से 12 और विधायक इस्तीफा देंगे। इसके बाद मैं एक या दो दिन में पूरी स्थिति से मीडिया को रूबरू कराउंगा कि आगे मुझे क्या करना है। उन्होंने ये भी कहा था कि किसान, दलित और नौजवानों के साथ राज्य में सलूक किया जा रहा है वो बर्दाश्त नहीं है। मैंने मंत्रिमंडल के साथ बाहर भी मंत्रियों से बात की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में बिना सम्मान के भाजपा में नहीं रह सकता था।
खुद ट्वीट कर दी थी इस्तीफे की जानकारी
आपको बताते चलें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर अपने इस्तीफे की जानकारी दी थी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा था, 'दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं।' उनके इस्तीफे के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ट्वीट किया था। उन्होंने ट्वीट करते हुए अपने ट्वीट में लिखा था, 'सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन! सामाजिक न्याय का इंक़लाब होगा ~ बाइस में बदलाव होगा। #बाइसमेंबाइसिकल'
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की सियासत में स्वामी प्रसाद मौर्य एक बड़ा नाम हैं। उन्होंने साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा था, जबकि सपा से पहले वो बीएसपी सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं।