उप्र हिंसा: चन्नी, राजनीतिक दलों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की
By भाषा | Updated: October 3, 2021 23:14 IST2021-10-03T23:14:07+5:302021-10-03T23:14:07+5:30

उप्र हिंसा: चन्नी, राजनीतिक दलों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की
चंडीगढ़/नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने रविवार को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई घटना की निंदा की, जिसमें किसानों के एक समूह को दो स्पोर्टस यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) ने कथित तौर पर कुचल दिया और जिससे हुई हिंसा में आठ लोगों की जान चली गई।
साथ ही, अन्य राजनीतिक दलों ने भी उन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की, जिन्होंने ‘‘किसानों को कुचलकर मार डाला।’’
पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि वह सोमवार को अधिकारियों के एक दल के साथ लखीमपुर खीरी का दौरा करेंगे, ताकि वहां की स्थिति का जायजा लिया जा सके।
एक बयान के अनुसार, चन्नी ने इस दुखद घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि ‘‘भयावह और अमानवीय कृत्य’’ की सभी को कड़े शब्दों में निंदा करनी चाहिए। चन्नी ने उत्तर प्रदेश में अपने समकक्ष योगी आदित्यनाथ से दोषियों को सजा दिलाने का आग्रह किया ताकि पीड़ित परिवारों को न्याय सुनिश्चित किया जा सके।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री एवं सांसद अजय कुमार मिश्रा के पैतृक गांव बनबीरपुर में मौर्य के दौरे का विरोध करने के लिए किसान वहां जमा हुए थे।
कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों के एक समूह के ऊपर कथित तौर दो एसयूवी चढ़ाये जाने के बाद हिंसा भड़क गई।
किसानों ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री का बेटा एक वाहन में था, जबकि मिश्रा ने इस आरोप से इनकार किया है।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी घटना की जांच की मांग की है। अमरिंदर के मीडिया सलाहकार ने ट्वीट किया, ‘‘लखीमपुर खीरी घटना की गहन जांच की जरूरत है। हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए। हिंसा या हिंसा भड़काना किसी भी समस्या का समाधान नहीं है: कैप्टन अमरिंदर सिंह।’’
इस बीच, आम आदमी पार्टी के विधायक और पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने घटना की निंदा की और कहा कि दोषियों को तुरंत जेल में डाला जाना चाहिए। उन्होंने मांग की कि नये कृषि कानूनों को तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए।
शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने केंद्रीय मंत्री के बेटे के खिलाफ कथित तौर पर किसानों को कुचलने के आरोप में हत्या का मामला तत्काल दर्ज करने की मांग की। बादल ने एक बयान में कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि सरकार केंद्रीय राज्य मंत्री के बेटे को बचाने की कोशिश कर रही है, जो चौंकाने वाला और निंदनीय है।’’
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय को उत्तर प्रदेश सरकार को मृत किसानों के परिवारों को तत्काल न्याय दिलाने का निर्देश देना चाहिए।
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने भी केंद्रीय मंत्री के बेटे के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की।
सिद्धू ने ट्वीट किया, ‘‘कोई भी कानून से ऊपर नहीं है... केंद्रीय मंत्री के बेटे के खिलाफ निर्दोष किसानों की हत्या के मामले में आईपीसी की धारा 302 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए, उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और इस बर्बर कृत्य के लिए सलाखों के पीछे डाला जाना चाहिए।’’
कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने भी केंद्रीय मंत्री के बेटे के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की।
बाजवा ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘प्रदर्शनकारी किसानों को कुचलने के लिए गृह राज्य मंत्री के बेटे सहित सभी दोषियों पर हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।..’’
वहीं, लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर वाम दलों ने भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि इस ‘‘बर्बरता’’ से किसानों का आंदोलन नहीं रुकेगा।
माकपा ने एक ट्वीट में घटना की निंदा की और कहा कि इस तरह की "बर्बरता" से आंदोलन नहीं रुकेगा।
पार्टी ने ट्वीट किया, ‘‘उत्तर प्रदेश से चौंकाने वाली खबर! केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे ने लखीमपुर खीरी में अपनी कार से प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुचल दिया। तीन की मौत। यह भाजपा है। वे हमारे 'अन्नदाता' के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं। बर्बरता किसानों के विरोध को कम नहीं करेगी।’’
माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने कहा कि उनकी पार्टी के सहयोगी लखीमपुर खीरी जा रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘किसान अपने लिए नहीं बल्कि भारत और खाद्य सुरक्षा के लिए लड़ रहे हैं। हम किसानों के साथ खड़े हैं। चार किसानों की हत्या भाजपा सरकार द्वारा अक्षम्य अपराध है।’’
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद बिनॉय विश्वम ने भी भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि लोग ‘‘बैलट’’ के जरिए ‘‘गोलियों’’ का बदला लेंगे।
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