यूपी: अयोध्या के धन्नीपुर में मस्जिद बनवाने वाले वक्फ बोर्ड ने धन की कमी के कारण अस्पताल निर्माण का कार्यक्रम रद्द किया
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: July 16, 2023 13:54 IST2023-07-16T13:45:46+5:302023-07-16T13:54:25+5:30
वक्फ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट द्वारा साल 2019 में ऐतिहासिक राम मंदिर के फैसले के बाद धन्नीपुर में मस्जिद के लिए मिली जमीन पर अब पहले मस्जिद का निर्माण कराएगा

यूपी: अयोध्या के धन्नीपुर में मस्जिद बनवाने वाले वक्फ बोर्ड ने धन की कमी के कारण अस्पताल निर्माण का कार्यक्रम रद्द किया
अयोध्या: वक्फ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट द्वारा साल 2019 में ऐतिहासिक राम मंदिर के फैसले के बाद धन्नीपुर में मस्जिद के लिए मिली जमीन पर अब पहले मस्जिद का निर्माण कराएगा। इससे पहले वक्फ निर्माण के क्रम में पहले अस्पताल फिर मस्जिद और आखिर में सामुदायिक रसोई का निर्माण करवाने वाला था लेकिन धन की कमी के कारण इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट ने धन्नीपुर में अस्पताल निर्माण के कार्यक्रम को रद्द कर दिया है।
इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट सुप्रीम कोर्ट से बाबरी मस्जिद के नाम पर मिली जमीन पर मेगा प्रोजेक्ट के तहत एक मस्जिद, एक चैरिटी अस्पताल और एक सामुदायिक रसोई का निर्माण कराने जा रहा था लेकिन ट्रस्ट के सदस्यों ने बताया कि मूलभूत योजना के तहत पहले बनने वाले अस्पताल की जगह अब सीधे मस्जिद निर्माण की योजना बनाई जा रही है क्योंकि अस्पताल को बनाने के लिए आवश्यक धन की कमी है और इस कारण इसका निर्माण कार्य रोक दिया गया है।
इसके साथ ही ट्रस्ट के सचिव और प्रवक्ता अतहर हुसैन ने कहा कि यह परियोजना अब अक साथ न शुरू करके कई छोटे चरणों में शुरू की जाएगी। उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, “हमने धन की कमी के कारण परियोजना को फिलहाल रोक दिया है। कठिनाई के बावजूद हम परियोजना को बंद नहीं कर रहे हैं बल्कि परियोजना की रणनीति बदल रहे हैं। हमने इस परियोजना को कई छोटी परियोजनाओं में विभाजित कर दिया है।”
उन्होंने कहा, “अब हम मस्जिद का एक नया नक्शा अयोध्या विकास प्राधिकरण को सौंपेंगे और उस मस्जिद बनाने में कम पैसे लगेंगे। जिसकी व्यवस्था करना हमारे लिए बहुत आसान होगा।'' ट्रस्ट के सचिव हुसैन ने बताया कि लगभग 15,000 वर्ग फीट में बनने वाली मस्जिद की लागत 8-10 करोड़ रुपये आएगी और यह सौर पैनलों से संचालित होगी। इससे पहले अस्पताल को बनवाने के बाद मस्जिद बनावाना था, लेकिन ट्रस्ट अस्पताल बनवाने के लिए जरूरी 300 करोड़ रुपये नहीं जुटा सका है।
उन्होंने कहा, “हमारी कोशिश मस्जिद से पहले अस्पताल बनाने की थी, लेकिन उसमें 300 करोड़ रुपये की लगात आने वाली थी। जिस ज़मीन पर मस्जिद बनाने का प्रस्ताव है, वहां पहले से ही कई मस्जिदें हैं, इसलिए हमने पहले एक चैरिटी अस्पताल और सामुदायिक रसोई बनाने के बारे में सोचा था।”
फाउंडेशन के मुख्य ट्रस्टी और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी ने कहा कि ट्रस्ट के सदस्य अगले महीने से देश भर में जनता से दान मांगना शुरू करेंगे और इसके लिए जुलाई के अंत में बोर्ड की बैठक होगी।
मालूम हो कि 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में अपने फैसले में विवादित स्थल को मंदिर निर्माण के लिए देने का आदेश दिया था और मुसलमानों को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या के निकट पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था। जिसके बाद जिला प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुपालन करते हुए उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को राम मंदिर स्थल से करीब 25 किलोमीटर दूर सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में जमीन दी थी।