यूपी: लू के कारण बलिया में हो रही मौतों का सिलसिला बदस्तूर जारी, जिला अस्पताल के बेड फुल, प्रशासन ने झोंकी पूरी ताकत
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 21, 2023 09:26 AM2023-06-21T09:26:24+5:302023-06-21T09:31:12+5:30
यूपी के बलिया जिला अस्पताल में लू और गर्मी के कारण भरती मरीजों से वॉर्ड पूरी तरह से भरा हुआ है। लगभग 200 बिस्तरों की क्षमता वाले जिला अस्पताल में मरीजों को बचाने में डॉक्टरों की टीम लगातार काम कर रही है लेकिन बढ़ती हुई रोगियों की संख्या के कारण इसके उपर काम का भारी दबाव है।
लखनऊ:उत्तर प्रदेश के बलिया में गर्मी और लू के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले और भर्ती हुए मरीजों के मरने का सिलसिला बीते मंगलवार को भी बदस्तूर जारी रहा। जानकारी के अनुसार बलिया जिला अस्पताल में मरीजों को भरती करने वाले वॉर्ड पूरी तरह से भरे हुए हैं। लगभग 200 बिस्तरों की क्षमता वाले जिला अस्पताल में मरीजों को बचाने में डॉक्टरों की टीम लगातार काम कर रही है लेकिन बढ़ती हुई रोगियों की संख्या के कारण इसके उपर काम का भारी दबाव है।
गर्मी के चरम प्रकोप के बीच बलिया जिले में बीते 15 से 20 जून के दरम्यान करीब 80 मरीजों की मौत से पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है। सोमवार के 43 डिग्री तामपान के मुकाबले गुजरे मंगलवार को दर्ज किये गये 41 डिग्री तापमान के मामूली गिरावट से शासनप-प्रशासन एवं आम जनता को राहत जरूर मिली है लेकिन गर्मी के कारण लोगों में अब भी भारी भय व्याप्त है।
जिले में हुई इतने बड़े पैमाने पर मौते के मामले में प्राशासनिक अधिकारियों ने भी इस बात को स्वीकार किया कि मृत्यु के कई मामलों में झुलसा देने वाला तापमान एक बहुत बड़ा कारण रहा। समाचार वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर जयंत कुमार ने बताया कि मंगलवार को भी भर्ती मरीजों में तीन या चार मौतें हुईं हैं।
इस संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एसके यादव ने कहा कि मरने वालों में से अधिकांश वरिष्ठ नागरिक थे, जो पहले से ही कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे और जबरदस्त लू के कारण उनकी तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
उन्होंने कहा, “मृतकों में अधिकांश बुजुर्ग थे और उन्हें मधुमेह, सांस की बीमारी जैसे गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे। उनमें से ज्यादातर मरीजों का इलाज वाराणसी के बीएचयू, दिल्ली और गोरखपुर एम्स जैसे बड़े संस्थानों में चल रहा था।”
डॉक्टर एसके यादव ने कहा कि गर्मी में हर साल मृतकों की संख्या आमतौर पर आमतौर से इतनी अधिक नहीं होती है लेकिन इस बार स्थिति गंभीर बनी हुई है। हम लगातार स्थिति पर नियंत्रण बनाये रखने की कोशिश कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार अस्पताल के आपातकालीन विभाग में लू के कारण 18 से 75 आयु वर्ग के रोगियों से भरा पड़ा है। अस्पताल में दवाईयों की बेहद कमी है, इस कारण से मरीजों के अस्पताल से मिलने वाली दवाईयों के अतिरिक्त दवा को बाहर की दुकानों से खरीदना पड़ रहा है।