यूपी पुलिसः भर्ती 57121 नए सिपाहियों की ट्रेनिंग 21 जुलाई से, सोशल मीडिया से रहे दूर नहीं तो जाएगी नौकरी
By राजेंद्र कुमार | Updated: July 15, 2025 18:39 IST2025-07-15T18:38:50+5:302025-07-15T18:39:47+5:30
UP Police: नए आरक्षियों का एआई के जरिए पुलिसिंग और कानून का पढ़ाया जाएगा पाठ. नए आरक्षियों सोशल मीडिया पर टिप्पणी कारण पड़ेगा भारी, जाएगी नौकरी.

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लखनऊः योगी सरकार में भर्ती हुए 57,121 नए आरक्षियों (सिपाहियों) की ट्रेनिंग इसी 21 जुलाई से शुरू होगी. इन नए आरक्षियों को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते माह लखनऊ में भर्ती का प्रमाणपत्र लखनऊ में हुए भव्य समारोह में सौंपा था. अब इन नवनियुक्ति आरक्षियों का पुलिस ट्रेनिंग का आधारभूत प्रशिक्षण 21 जुलाई से दिया जाएगा. इसके लिए आरक्षियों को प्रशिक्षण केंद्र आवंटित कर दिए गए हैं. कुल 10 प्रशिक्षण संस्थानों और 102 केंद्र तथा पीएसी रीजनल ट्रेनिंग सेंटर में में 57,121 आरक्षियों का प्रशिक्षण होगा.
इन नए आरक्षियों में 45,055 पुरुष तथा 11,621 महिला रिक्रूट शामिल हैं. प्रदेश पुलिस का हिस्सा बनने जा रहे इन सभी नए आरक्षियों को पुलिस ट्रेनिंग के प्रशिक्षण में गलती पर माफी मांगना और मदद पर धन्यवाद देना भी सिखाया जाएगा. नए आरक्षी सोशल मीडिया पर सियासी टिप्पणी नहीं कर सकेंगे,
इनके सोशन मीडिया पर टिप्पणी करने को अनुशासनहीनता मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पुलिस प्रशिक्षण के दौरान रिक्रूट आरक्षियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के माध्यम से तैयार किए गए वीडियो के माध्यम से भी अलग- अलग विषयों की जानकारी भी दी जाएगी. पहली बार पुलिस ट्रेनिंग में एआई के जरिए आरक्षियों को तमाम तरह के कोर्स कराए जाएंगे.
प्रशिक्षण में यह सब सीखेंगे नए आरक्षी
एडीजी प्रशिक्षण बीडी पाल्सन खुद नए आरक्षियों की ट्रेनिंग के इंतज़ामों को देख रहे हैं. पाल्सन के अनुसार, प्रशिक्षण निदेशालय ने नए आरक्षियों को पुलिसिंग की ट्रेनिंग में तीन नए कानूनों, फारेंसिक साइंस, साइबर क्राइम जैसे विषयों की जानकारी दी जाएगी. इसके लिए एआई पर आधारित कई आडियो-वीडियो तैयार कराए हैं, जिससे आरक्षियों को अधिक सहजता से इसकी जानकारी दी जाएगी.
कानून की तमान धाराओं का प्रशिक्षण इसके जरिए पहली बार प्रदेश पुलिस में दिया जा रहा है. इसके साथ ही कैसे अपराधियों को पकड़ा जाए. उन्हे पकड़ें में क्या सावधानी बरती जानी है और आपराधिक मामलों में जांच कैसे की जाती है. इन सभी का प्रशिक्षण नए आरक्षियों को दिया जाएगा. एफआईआर लिखने तथा चार्जशीट तैयार करने का भी प्रशिक्षण नए आरक्षी पाएंगे.
इसके अलावा जनता से शांतीपूर्ण तरीके से कैसे पेश आया जाये और बंदूक, पिस्टल और रिवाल्वर चलाने की ट्रेनिंग लेने के साथ ही नए आरक्षियों को नाराज भीड़ को काबू में करने की भी ट्रेनिंग दी जाएगी. प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षकों को नए आरक्षियों (सिपाहियों) के आत्मसम्मान का भी ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है. ताकि उनमें हीन भावना न पनपने पाए और सेवा में आने पर वह नागरिकों के साथ भी सम्मान पूर्वक व्यवहार करें. इसके अलावा प्रशिक्षुओं को अपने कृत्यों की जिम्मेदारी लेने का साहस पैदा किया जाएगा.
सोशल मीडिया पर टिप्पणी करना पड़ेगा भारी
एडीजी प्रशिक्षण बीडी पाल्सन के अनुसार, नए आरक्षी प्रशिक्षण के दौरान सोशल मीडिया पर सियासी टिप्पणी नहीं कर सकेंगे. इसे अनुशासनहीनता मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अगर कोई आरक्षी सोशल मीडिया पर अनैतिक टिप्पणी और हड़ताल या प्रदर्शन के लिए उकसाने वाले संदेश जारी करेगा तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.
जिसके चलते उसे सत्र से निलंबन करने, निष्कासन करने और सेवा से हटाए जाने तक की कार्रवाई हो सकती है. आरक्षी नागरिक पुलिस (सीधी भर्ती/मृतक आश्रित) आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम के नियमों के मुताबिक नवचयनित सिपाही अपने पूर्व आपराधिक इतिहास को छुपाने के दोषी पाए जाने पर सेवा से बर्खास्त किए जाएंगे.
इसी तरह प्रशिक्षण संस्थान के संकाय सदस्यों, स्टाफ, कर्मचारियों पर हमला, अभद्र एवं अपमानजनक भाषा का प्रयोग करना, अनुशासनहीनता और अवज्ञा करने के लिए उकसाना, शराब या मादक पदार्थों का सेवन करने पर भी उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. एडीजी प्रशिक्षण के मुताबिक नए आरक्षियों को एआई से ट्रेनिंग देने के लिए 191 विशेष प्रशिक्षक तैयार किए गए हैं.
आरक्षी नागरिक पुलिस के पद पर चयनित 56,676 आरक्षियों को आधारभूत प्रशिक्षण के लिए केंद्रों का आवंटन कर दिया गया है. इनमें 45,055 पुरुष व 11,621 महिला रिक्रूट शामिल हैं. मृतक आश्रित श्रेणी में भर्ती हुए 445 अभ्यर्थियों (284 पुरुष व 161 महिला) को भी इस प्रशिक्षण में शामिल किया गया है. कुल 57,121 आरक्षियों का नौ माह का आधारभूत प्रशिक्षण 21 जुलाई से शुरू होगा.