UP Panchayat Chunav: पंचायत चुनाव कराने में 700 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान, उम्मीदवार चुनाव प्रचार करने में कितना रकम खर्च करेंगे जल्दी होगा तय
By राजेंद्र कुमार | Updated: July 31, 2025 18:32 IST2025-07-31T18:32:16+5:302025-07-31T18:32:25+5:30
बताया जा रहा है कि अगले साल होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में करीब 700 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान निर्वाचन आयोग ने लगाया है.

UP Panchayat Chunav: पंचायत चुनाव कराने में 700 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान, उम्मीदवार चुनाव प्रचार करने में कितना रकम खर्च करेंगे जल्दी होगा तय
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की तैयारियों ने ज़ोर पकड़ लिया है. राज्य निर्वाचन आयोग में पंचायत चुनाव कराने के लिए होने वाले खर्चे से लेकर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के नामांकन पत्र तैयार कराने से लेकर उम्मीदवारों की जमानत राशि तय करने आदि पर निर्णय लेने के लिए बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया है. बताया जा रहा है कि अगले साल होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में करीब 700 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान निर्वाचन आयोग ने लगाया है. वर्ष 2021 में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में 400 करोड़ रुपए चुनाव कराने में खर्च हुए थे. जल्दी ही सरकार से पंचायत चुनाव कराने के लिए बजट की मांग आयोग के अधिकारी करेंगे.
आयोग यह आकलन करने में व्यस्त :
फिलहाल तो आयोग में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में होने वाले खर्च का आकलन किया जा रहा है. पंचायत चुनाव कराने में होने वाले 700 करोड़ रुपए किस -किस कार्य में खर्च होंगे? इसका ब्यौरा तैयार किया जा रहा है. आयोग के अधिकारियों के अनुसार, मतदान पत्र छपवाने से लेकर, मतदान केंद्रों की व्यवस्था करने और चुनाव कार्य में लगने वाले कर्मचारियों पर खर्च होने वाली धनराशि का आंकलन कर सरकार ने चुनाव कराने के लिए जल्दी ही धनराशि मांगी जाएगी.
इसके साथ ही पंचायत चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के खर्च की अधिकतम सीमा क्या हो और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार के प्रचार में कितनी रकम खर्च कर सकते हैं? तथा पंचायत चुनाव लड़ने के लिए नामांकन और जमानत राशि बढ़ाई जाए या नहीं? इसे लेकर विचार-विमर्श किया जा रहा है.
वर्ष 2021 में हुए पंचायत चुनावों में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को चार लाख रुपए और ग्राम प्रधान पद के उम्मीदवार को 75 हजार रुपए चुनाव प्रचार पर खर्च करने की अनुमति दी गई थी. और चुनाव प्रचार पर खर्च किए गए रुपए का ब्योरा चुनाव खत्म होने के तीन महीने के भीतर व्यय प्रेक्षक को देने का फैसला किया गया था. ब्लाक प्रमुख दो लाख, जिला पंचायत सदस्य डेढ़ लाख, क्षेत्र पंचायत सदस्य 75 हजार रुपए चुनाव प्रचार पर खर्च करने का नियम बनाया गया था. जबकि ग्राम पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को 10 हजार रुपए तक खर्च करने की अनुमति दी गई थी.
इसके साथ ही तब आयोग ने नामांकन और जमानत राशि नहीं बढ़ाई थी. तह ंंंसामान्य वर्ग के जिला पंचायत सदस्य के लिए प्रत्याशियों को 500 रुपए में नामांकन पत्र मिला था. जबकि जमानत राशि के रूप में चार हजार रुपए जमा कराए गए थे. ग्राम पंचायत सदस्य के उम्मीदवार को नामांकन पत्र 150 रुपये में मिला था और उसे जमानत राशि पांच सौ रुपये देनी पड़ी थी.
ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के उम्मीदवार को तीन सौ रुपए में नामांकन पत्र मिले थे और उन्हें जमानत राशि दो हजार रुपए देनी पड़ी थी. पिछड़ा, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के उम्मीदवारों से नामांकन पत्र और जमानत राशि सामान्य वर्ग की राशि से आधा ही जमा कराई गई थी. अब यह विचार किया जा रहा है, इस बार के पंचायत चुनावों में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की नामांकन और जमानत राशि बढ़ाई जाए या नहीं? और चुनाव प्रचार के लिए तय धनराशि में कितना इजाफ़ा किया जाए?
15 करोड़ लोग करेंगे मतदान :
राज्य निर्वाचन आयोग के अफसरों का कहना है कि वर्ष 2021 में हुए पंचायत चुनाव में 58,199 ग्राम पंचायत में चुनाव हुआ था. तब 12 करोड़ 39 लाख मतदाताओं ने पंचायत चुनावों में अपनी पसंद के प्रतिनिधि चुने थे. इस बार 504 ग्राम पंचायत शहरी क्षेत्रों में आ गई है, जिसके चलते आयोग 57,695 ग्राम पंचायतों में चुनाव कराने की तैयारी की जा रही है.
आयोग का अनुमान है कि इस बार 15 करोड़ लोग पंचायत चुनाव में मतदान करेंगे. एक आकलन के अनुसार इस बार के चुनावों में चुनाव लड़ने वाले अधिकांश प्रत्याशी युवा होंगे क्योंकि अब यूपी की पंचायतों में तजुर्बे के मुकाबले जोश को तरजीह मिलने लगी है. अब चुनाव दर चुनाव युवा प्रत्याशियों की जीत का ग्राफ बढ़ रहा है. उसी का नतीजा है कि बीते पंचायत चुनावों में प्रदेश की कुल पंचायतों में लगभग आधे की कमान 35 साल से कम उम्र की युवाओं के हाथ में आई थी.