UP News: यूपी में छह करोड़ से अधिक ईयर टैग कहां है? खोजबीन शुरू

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 18, 2025 18:14 IST2025-07-18T18:14:09+5:302025-07-18T18:14:09+5:30

केंद्र की इस योजना के तहत बीते सात वर्षों में नौ करोड़ से अधिक ईयर टैग प्रदेश को मिले हैं, लेकिन इनमें से एक तिहाई ईयर टैग की पशुओं को लगाए गए. अब केंद्र सरकार ने बचे हुए ईयर टैग का हिसाब मांगा है. तो अब बचे हुए बचे हुए ईअर टैग किन पशुओं को और उन्हें कब लगाया गया? इसकी खोजबीन शुरू हुई है.

UP News: Where are more than six crore ear tags in UP? Search begins | UP News: यूपी में छह करोड़ से अधिक ईयर टैग कहां है? खोजबीन शुरू

UP News: यूपी में छह करोड़ से अधिक ईयर टैग कहां है? खोजबीन शुरू

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सरकार गोवंशीय (गाय) और महिषवंशीय (भैंस) के संरक्षण को लेकर बेहद सतर्कता बरती है. इसी के चलते राज्य में हजारों गौशालाओं में गायों के संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के तहत हर साल 1,681.61 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं. यही नहीं केंद्र सरकार भी राज्य में पशुओं की पहचान और उनकी देखभाल के लिए ईयर टैग भी लगाने की योजना चला रही है. 

केंद्र की इस योजना के तहत बीते सात वर्षों में नौ करोड़ से अधिक ईयर टैग प्रदेश को मिले हैं, लेकिन इनमें से एक तिहाई ईयर टैग की पशुओं को लगाए गए. अब केंद्र सरकार ने बचे हुए ईयर टैग का हिसाब मांगा है. तो अब बचे हुए बचे हुए ईअर टैग किन पशुओं को और उन्हें कब लगाया गया? इसकी खोजबीन शुरू हुई है. 

पशुपालन विभाग के निदेशक रोग नियंत्रण राजीव सक्सेना ने जिलों में तैनात विभागीय अधिकारियों से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने बचे हुए ईयर टैग ना मिलने पर एफआईआर कराने के निर्देश भी दिया है. इस मामले को लेकर पशुपालन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. इस ईयर टैग घोटाले में कई लोगों पर जल्दी ही गाज गिरेगी.

लापरवाही पड़ेगी भारी

पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, प्रदेश में गोवंशीय (गाय) और महिषवंशीय (भैंस) पशुओं की पहचान के लिए उनके कानों में ईयर टैग लगाने की योजना 2018 में शुरू हुई थी. 

इस योजना के तहत अब तक राज्य में केंद्र सरकार से करीब 9.50 करोड़ टैग प्राप्त हुए हैं. गाय और भैंस को लगाए गए ईयर टैग का ब्यौरा केंद्र सरकार भारत पशुधन पोर्टल पर दर्ज करना होता है. बीते दिनों पोर्टल की मानिटरिंग से यह पता चला कि बीते सात वर्षों यानी वर्ष 2018 से अबतक 3.30 करोड़ पशुओं को ही ईयर टैग लगाए जाने का ब्यौरा पोर्टल में दर्ज है. 

बाकी के 6.20 करोड़ ईयर टैग कब और किस पशु को लगाए गए या नहीं लगाए गए. इसका कोई ब्यौरा किसी के पास नहीं है. इस खुलासे के बाद प्रदेश सरकार ने पशुपालन निदेशालय को इसकी जांच के आदेश दिया. बताया जा रहा है कि अब तक की जांच में यह पता चला है कि केंद्र सरकार ने 9.50 करोड़ ईयर टैग प्रदेश को मुहैया कराए हैं. 

निदेशालय और पशुधन विकास परिषद ने जिलों को 6.89 करोड़ ईयर टैग उपलब्ध कराए हैं और पोर्टल पर तय दर्ज है कि राज्य में 3.30 करोड़ पशुओं को ईयर टैग लगाया जा चुका है. पोर्टल पर इन्हीं 3.30 करोड़ पशुओं के बारे में सूचना है. अब बाकी के ईयर टैग कहां है? इन्हें पशुओं को लगाया गया है या नहीं. इसका पता लगाया जा रहा है. 

शासन ने इस मामले में जल्द से जल्द जांच रिपोर्ट मांगी है, ताकि ईयर टैग उपलब्ध नहीं है तो इस मामले में एफआईआर दर्ज कराकर आगे की कार्रवाई की जाए. यानी इस मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी और कार्मचारी ही ज़िम्मेदारी तय कर उनके खिलाफ एक्शन लिया जाए. पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह का कहना है कि इस मामले में लापरवाही अफसरों पर भारी पड़ेगी.

क्या काम आता है ईयर टैग

ईयर टैग एक छोटा, टिकाऊ टैग होता है. यह प्लास्टिक या धातु से बना होता है. इसे पशुओं के कान में डाला जाता है. प्रदेश में इसे सभी गोवंशीय (गाय) और महिषवंशीय (भैंस) के कान में लगाए जाना है. इस टैग से हर गाय-भैंस को एक विशिष्ट पहचान संख्या मिलती है. 

Web Title: UP News: Where are more than six crore ear tags in UP? Search begins

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