UP News: यूपी सचिवालय में आला मंत्री और अफसर चूहों से परेशान! कीमती फर्नीचर को कुतरा, प्रशासन इन्हें पकड़ने के लिए निकालेगा टेंडर
By रुस्तम राणा | Updated: September 14, 2025 18:49 IST2025-09-14T18:49:39+5:302025-09-14T18:49:39+5:30
हाल ही में लोकभवन के एक अधिकारी ने अपने स्टाफ से सचिवालय प्रशासन विभाग के अफसरों को चूहों से निजात दिलाने यानी उन्हें पकडवाने के लिए व्यवस्था करने को कहा. इसकी वजह थी साहब की कुछ फाइलों को चूहों द्वारा कुतरना जाना.

UP News: यूपी सचिवालय में आला मंत्री और अफसर चूहों से परेशान! कीमती फर्नीचर को कुतरा, प्रशासन इन्हें पकड़ने के लिए निकालेगा टेंडर
लखनऊ:उत्तर प्रदेश की राजधानी में सचिवालय के चार भवनों से सरकार के सभी महत्वपूर्ण आदेश जारी होते हैं. इनमें सबसे पहले है, मुख्यमंत्री सचिवालय यानी लोकभवन. दूसरा है बापू भवन. तीसरा है लाल बहादुर शास्त्री भवन यानी एनेक्सी. और चौथा है विधानसभा भवन. सरकार ही यह चारों प्रमुख भवन वर्तमान में चूहों की उत्पात के चलते सुर्खियों में हैं.
हाल ही में लोकभवन के एक अधिकारी ने अपने स्टाफ से सचिवालय प्रशासन विभाग के अफसरों को चूहों से निजात दिलाने यानी उन्हें पकडवाने के लिए व्यवस्था करने को कहा. इसकी वजह थी साहब की कुछ फाइलों को चूहों द्वारा कुतरना जाना.
ऐसे में जब लोकभवन के अफसर के आला अफसर को परेशानी हुई तो आना-फनना में सचिवालय प्रशासन विभाग सक्रिय हुआ और चूहों को पकड़ने के लिए टेंडर निकाले जाने पर सहमति बन गई. अब जल्दी ही जेम पोर्टल पर सचिवालय के चारों भवनों में हाउसकीपिंग, पेस्ट कंट्रोल और चूहों को पकड़ने का टेंडर जारी किया जाएगा.
चूहों को पकड़ें के लिए यह सब किया जाएगा
सचिवालय प्रशासन के अफसरों के मुताबिक, अभी तक इन चारों भवनों में पेस्ट कंट्रोल और हाउसकीपिंग का कार्य करने वाली निजी कंपनी के कर्मी ही भवनों की साफ - सफाई करते हैं. इसके अलावा कार्यालय अलमारी तथा फाइलों आदि को दीमक और कॉकरोच से बचाने के लिए पेस्ट कंट्रोल आदि करते हैं. यह व्यवस्था बीते छह वर्षों से लागू है.
अब इसमें चूहों के चलते थोड़ा संशोधन किया जाएगा क्योंकि चूहों में अब अति कर दी है. अब तो चूहे फाइले ही नहीं कुर्सी-टेबल, रैक, लकड़ी के फर्नीचर और महंगे सोफ़े तक कुतर रहे हैं. चूहों द्वारा सबसे ज्यादा नुकसान लोक भवन के किया जा रहा है.
इस भवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दफ्तर है. मुख्य सचिव भी इसी भवन में बैठते हैं. इसके अलावा औद्योगिक विकास आयुक्त, प्रमुख सचिव गृह का कार्यालय भी इसी भवन में. कैबिनेट ही बैठक भी इसी भवन में होती है, इसके अलावा इस भवन में करीब एक हजार लोगों के बैठने का एक सभागार भी बना हुआ है. करीब 602 करोड़ रुपए से बनाए गए इस लोक भवन ही हर एक चीज कीमती है.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विशेष रुचि लेकर इस भवन को तैयार करवाया था और उन्होने यहां देश ही विख्यात कंपनी का फर्नीचर यहां के हर कमरे में लगवाया था. वर्तमान में उस कीमती फर्नीचर को चूहे फाइलों के साथ कुतर रहे हैं. बताया जा रहा है कि सचिवालय की चारों भवनों में चूहों की संख्या इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि कई विभागों में अहम फाइलों को सुरक्षित रखना मुश्किल हो गया है.
इसे देखते हुए अब सचिवालय प्रशासन ने हाउसकीपिंग और पेस्ट कंट्रोल के लिए होने वाले टेंडर के ‘स्कोप ऑफ वर्क’ में बदलाव करते हुए चूहा पकड़ने की शर्त जोड़ने का फैसला किया है, ताकि हाउसकीपिंग और पेस्ट कंट्रोल के साथ-साथ 'रेंटेंड कंट्रोल' भी किया जा सके. इसके लिए इसी माह जेम पोर्टल पर एक बिड जारी की जाएगी.
इसके बाद जिस भी एजेंसी को काम मिलेगा, उसे लोकभवन के साथ ही विधानसभा मुख्य भवन, बापू भवन और शास्त्री भवन में दीमक, कॉकरोच की समस्या दूर करने के साथ ही चूहों को भी पकड़ना होगा. इस कार्य के लिए सरकार कितनी रकम करने की अनुमति देगी? इसका खुलासा अभी अधिकारी नहीं कर रहे हैं. इसका कहना है जल्दी ही यह भी तय कर दिया जाएगा.
फिलहाल जब तक चूहा पकड़ने के लिए किसी एजेंसी का चयन नहीं होता है, तब तक के लिए सचिवालय प्रशासन विभाग ने भवनों की साफ-सफाई का कार्य करने वाले स्टाफ को निर्देश दिया है कि दफ्तरों में भोजन करने के बाद बचा खाना डस्टबिन में ना फेंका जाए. और हर दिन दफ्तर बंद होने के पहले डस्टबिन खाली कर उसमें फ्लोर क्लीनर का स्प्रे किया जाए.