UP 2025: एक साल में कितना कमाते हो?, 31 जनवरी तक ब्योरा नहीं दिया तो प्रमोशन में बाधा!, सरकारी कर्मचारियों से मांगा गया संपत्ति आंकड़े

By राजेंद्र कुमार | Updated: December 26, 2024 18:43 IST2024-12-26T18:42:00+5:302024-12-26T18:43:37+5:30

New Year 2025: योगी सरकार के जारी किए गए आदेश को लेकर राज्य कर्मचारियों और अधिकारियों में हड़कंप है.

up New Year 2025 How much you earn year details not given January 31 hindrance promotion Asset data sought government employees | UP 2025: एक साल में कितना कमाते हो?, 31 जनवरी तक ब्योरा नहीं दिया तो प्रमोशन में बाधा!, सरकारी कर्मचारियों से मांगा गया संपत्ति आंकड़े

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Highlightsसपा की मांग, मंत्रियों से भी उनकी संपत्ति का ब्यौरा मांगे योगी सरकार.यूपी में मंत्री-विधायक को संपत्ति का ब्योरा देने के लिए बना हुआ है कानून.नए साल में सरकारी कर्मचारियों से मांगा गया संपत्ति का ब्योरा.

लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हर सरकारी महकमे में सुशासन लाने के अपने संकल्प के चलते सभी राज्य कर्मचारियों और अधिकारियों को 31 जनवरी तक अपनी-अपनी संपत्ति का ब्योरा देने को कहा है. इस संबंध ने प्रमुख सचिव नियुक्ति और कार्मिक देवराज द्वारा जारी किए गए आदेश में यह कहा है कि जो कर्मचारी तय समय में अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देंगे उनके प्रमोशन पर विचार नहीं किया जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी. सरकार के इस आदेश से राज्य कर्मचारियों ने नाराजगी है. समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता भी सरकार के इस आदेश पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

इन लोगों का कहना है कि योगी सरकार के मंत्री अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं दे रहे हैं. इसके बाद भी मुख्यमंत्री संपत्ति का ब्यौरा ना देने वाले मंत्रियों से संपत्ति का ब्यौरा मांगने पर विचार तक नहीं कर रहे हैं.  फिलहाल योगी सरकार के जारी किए गए आदेश को लेकर राज्य कर्मचारियों और अधिकारियों में हड़कंप है. इसकी वजह है जारी किए गए आदेश में दी गई चेतावनी.

सरकार के आदेश में कहा गया है कि सभी राज्य कर्मचारियों और अधिकारियों 31 जनवरी तक अपनी संपत्ति का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर देना होगा. अगर कोई कर्मचारी ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ एक्शन होगा. संपत्ति का ब्यौरा ना देने वाले अधिकारी-कर्मचारी के प्रमोशन पर विचार नहीं किया जाएगा. जो कर्मचारी तय समय तक अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं देंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाने की बात भी इस आदेश में कही गई है. बीते साल सरकार ने तय समय पर संपत्ति का ब्यौरा ना देने वाले अधिकारी और कर्मचारी का वेतन रोका था.

फिलहाल अब नये साल में योगी सरकार इस मामले में सख्त रुख अपनाने के मूड में है. जिसके चलते ही सरकार की तरफ से निर्देश दिया गया है कि सभी कर्मचारियों को अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा देना अनिवार्य है. इसलिए उक्त आदेश की अनदेखी ना की जाए.

योगी सरकार के मंत्रियों की संपत्ति का खुलासा हो

राज्य कर्मचारियों और अधिकारियों से उनकी संपत्ति का ब्यौरा मांगने को लेकर योगी सरकार के आदेश पर समाजवादी पार्टी (सपा) ने सवाल खड़े किए हैं. सपा नेताओं ने कहा है कि योगी सरकार राज्य के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों से संपत्ति का ब्यौरा मांगने पर तो ज़ोर दे रहे हैं लेकिन अपने मंत्रियों की संपत्ति का ब्यौरा मांगने को लेकर चुप्पी साधे हुए है.

जबकि उत्तर प्रदेश मंत्री तथा विधायक (आस्तियों तथा दायित्वों का प्रकाशन) अधिनियम 1975 के तहत राज्य सरकार के सभी मंत्रियों और विधायकों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा देना भी अनिवार्य है. परंतु बीते सात वर्षों में योगी सरकार के मंत्रियों ने संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है. इसके बाद भी सीएम योगी ने किसी भी मंत्री को इस मामले में चेतावनी तक नहीं दी है.

बेहतर हो की सीएम योगी राज्य कर्मचारियों और अधिकारियों की तरह ही अपने मंत्रियों से भी उनकी संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए कहे. और जनता को भी यह पता चले ही बीते सात वर्षों में योगी सरकार के मंत्रियों की संपत्ति में कितना इजाफा हुआ है.

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