लखनऊः मध्य प्रदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश में मेडिलक की पढ़ाई हिंदी में होगी। सूब के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने इसकी जानकारी देते हुए गुरुवार कहा कि मेडिकल और इंजीनियरिंग की अंग्रेजी किताबों का हिंदी में अनुवाद कर दिया गया है और अगले साल से प्रदेश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में इन विषयों के पाठ्यक्रम हिंदी में भी पढ़ने के लिए मिलेंगे।
पिछले दिनों मध्य प्रदेश में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने MBBS फर्स्ट ईयर की तीन किताबों का विमोचन किया था। मध्य प्रदेश के सभी 13 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रथम वर्ष के छात्रों को तीन एमबीबीएस विषय एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री हिन्दी में पढ़ाया जाएगा। कई साल पहले अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय ने इस पहल की शुरुआत की थी।
मध्य प्रदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार भी हिंदी में पढ़ाई पर जोर दे रही है। यही कारण है कि इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में करायी जाएगी। माना जा रहा है कि इससे गांव-गरीब और हिंदी बैकग्राउंड के छात्रों का डॉक्टर और इंजीनियर बनने का सपना आसान हो जाएगा।
मालूम हो कि यूक्रेन, रूस, जापान, चीन, किर्गिस्तान और फिलीपींस जैसे देशों की तरह अब भारत में भी मेडिकल की पढ़ाई मातृभाषा में होगी। जर्मनी, रूस, चीन, फ्रांस और अन्य कॉलेजों जैसे विभिन्न देश अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में बच्चों को पढ़ाते हैं।