यूपी चुनाव: रैलियों में कोविड नियमों के उल्लंघन पर बोले मुख्य चुनाव आयुक्त, अभी कार्रवाई की जिम्मेदारी राज्य सरकार की

By विशाल कुमार | Published: December 30, 2021 03:01 PM2021-12-30T15:01:55+5:302021-12-30T15:06:13+5:30

कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन करके आयोजित की जा रही चुनावी रैलियों पर कार्रवाई करने के सवाल पर चंद्रा ने कहा कि चुनाव की तारीखों की घोषणा और आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद हमारी जिम्मेदारी शुरू होती है।

up election political rallies covid 19 cec sushil chandra up government | यूपी चुनाव: रैलियों में कोविड नियमों के उल्लंघन पर बोले मुख्य चुनाव आयुक्त, अभी कार्रवाई की जिम्मेदारी राज्य सरकार की

यूपी चुनाव: रैलियों में कोविड नियमों के उल्लंघन पर बोले मुख्य चुनाव आयुक्त, अभी कार्रवाई की जिम्मेदारी राज्य सरकार की

Highlightsमुख्य चुनाव आयुक्त सुशील ने कहा कि चुनाव आयोग तारीखों की घोषणा के बाद ही कार्यभार संभालेगा।उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की सिफारिशों के अनुसार कार्य करेंगे।चुनाव की घोषणा के बाद हम निश्चित रूप से विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेंगे।

नई दिल्ली: मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने आज कहा कि उत्तर प्रदेश में चुनावी रैलियां चल रही हैं और वहां सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन राज्य सरकार की जिम्मेदारी है और चुनाव आयोग चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद ही कार्यभार संभालेगा।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन करके आयोजित की जा रही चुनावी रैलियों पर कार्रवाई करने के सवाल पर चंद्रा ने कहा कि चुनाव की तारीखों की घोषणा और आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद हमारी जिम्मेदारी शुरू होती है। तब तक, जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है और वे राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की सिफारिशों के अनुसार कार्य करेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि हमने स्वास्थ्य सचिव और अन्य अधिकारियों के साथ चर्चा की है और चुनाव की घोषणा के बाद हम निश्चित रूप से विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेंगे।

बता दें कि, आज सीईसी चंद्रा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने हमसे मुलाकात की और हमें बताया कि चुनाव सभी कोविड -19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए समय पर कराए जाने चाहिए।

चंद्रा ने कहा कि राज्य में राजनीतिक दलों ने रैलियों में कोविड मानदंडों के उल्लंघन के मुद्दे को उठाया है और प्रतिबंध लगाने के लिए कहा है।

चंद्रा ने बताया कि प्रदेश में कोविड-19 प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए प्रति बूथ मतदाताओं की संख्या 1500 से घटाकर 1250 कर दी गई है। ऐसा करने से पोलिंग बूथ की संख्या में 11000 का इजाफा हुआ है और अब यह कुल 174351 हो गई है।

इसके अलावा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को छोड़कर बाकी जिलों में मतदान का समय भी एक घंटा बढ़ाया जाएगा।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि इस बार चुनाव ड्यूटी में तैनात किए जाने वाले सभी अधिकारियों का पूर्ण टीकाकरण होना आवश्यक होगा और चुनाव से संबंधित अधिकारियों को अग्रिम मोर्चे के कर्मियों का दर्जा दिए जाने संबंधी आदेश जारी हो चुके हैं। जो भी पात्र होंगे उनके लिए बूस्टर खुराक का प्रावधान भी किया गया है। 

यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं कि राज्य के प्रत्येक मतदाता को कम से कम एक वैक्सीन की खुराक मिले। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बाद में एनडीटीवी से साफ किया कि अगर किसी को टीका नहीं लगाया गया तो भी मतदान करने से नहीं रोका जाएगा

चंद्रा ने कहा कि यूपी के अधिकारियों ने हमें बताया है कि 50 फीसदी आबादी पूरी तरह से टीकाकरण कर चुकी है और राज्य में अब तक केवल चार ओमीक्रोन मामले सामने आए हैं।

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