लखनऊः केंद्र की मोदी सरकार ने सेना में अग्निवीरों के भर्ती शुरू करने का फैसला किया था. अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सेना में सेवा पूरी करने वाले अग्निवीरों को पुलिस और पीएसी की भर्ती में 20 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का फैसला किया. इसके चलते पुलिस बल में आरक्षी, आरक्षी पीएसी, आरक्षी घुड़सवार और फायरमैन की भर्ती में 20 प्रतिशत पदों पर पूर्व अग्निवीरों की भर्ती होगी. मंगलवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट में पूर्व अग्निवीरों को समायोजित किए जाने से संबंधित इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. लोक भवन के सभागार में हुई इस कैबिनेट बैठक में कुल 11 प्रस्ताव अनुमोदन के लिए रखे गए थे, जिसमें कैबिनेट ने 10 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की है. इसमें उत्तर प्रदेश बेड एंड ब्रेकफास्ट (बीएंडबी) और होमस्टे नीति-2025 को मंजूरी देना भी शामिल है.
यूपी पुलिस में 26,596 पदों पर होगी भर्ती
प्रदेश के वित्त और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पिछले वर्ष कारगिल दिवस के अवसर पर उप्र पुलिस में अग्निवीरों की भर्ती किए जाने की घोषणा की थी. इसी क्रम में प्रदेश के पुलिस बल तथा पीएसी में आरक्षी (सिपाही), आरक्षी घुड़सवार और फायरमैन की भर्ती में पूर्व अग्निवीरों (चार वर्ष की सेवा के पश्चात) 20 प्रतिशत पदों को आरक्षित रखते हुए क्षैतिज आरक्षण प्रदान किए जाने का निर्णय किया गया है. कैबिनेट ने तय किया है कि जो जिस वर्ग का होगा, उसे उसी वर्ग का लाभ मिलेगा. सुरेश खन्ना का कहना है कि इस फैसले से प्रदेश पुलिस को ट्रेंड जवान मिलेंगे.
प्रदेश पुलिस में दारोगा, सिपाही और बंदी रक्षक के कुल 26,596 पदों पर जल्द ही होने वाली भर्ती में अग्निवीरों को मौका मिलेगा. इनमें आरक्षी के कुल 19,220 पदों पर भर्ती होनी है. इन 19,220 पदों में आरक्षी पीएसी के 9,837 पद, आरक्षी उप्र विशेष सुरक्षा बल के 1,341 पद, आरक्षी पीएसी महिला बदायूं/गोरखपुर/लखनऊ (महिला बटालियन) के 2,282 पद, आरक्षी नागरिक पुलिस के 3,245 पद, आरक्षी पीएसी/सशस्त्र पुलिस के 2,444 पद व आरक्षी घुड़सवार पुलिस के 71 पदों पर भर्ती होंगे.
केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना के तहत युवाओं को सेना में भर्ती की थी. अग्निवीरों के पहले बैच की वर्ष 2026 में सेवा पूरी होगी. इनमें 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सशस्त्र बलों में भर्ती होने का अवसर मिलेगा. जबकि शेष 75 प्रतिशत अग्निवीर विभिन्न राज्यों में होनी वाली पुलिस की भर्तियों में शामिल होकर सिपाही बनेंगे.
इस नीति को मिली मंजूरी
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के मुताबिक, कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश बेड एंड ब्रेकफास्ट (बीएंडबी) और होमस्टे नीति-2025 को भी मंजूरी प्रदान की है. इस नई नीति का उद्देश्य राज्य के धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को ठहरने की बेहतर और सुलभ सुविधा प्रदान करना है.
इस नीति के चलते अब धार्मिक और पर्यटन स्थलों में कोई भी व्यक्ति अपने 1 से 6 कमरों तक की इकाई को होमस्टे के रूप में रजिस्टर करा सकता है. इसके तहत, अधिकतम 12 बेड की अनुमति होगी. कोई भी पर्यटक लगातार 7 दिन तक इस सुविधा का लाभ उठाते हुए यहां ठहर सकता है. इससे अधिक ठहरने की स्थिति में रिन्यूअल की भी व्यवस्था होगी.
अनुमति की प्रक्रिया जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की अगुवाई वाली कमेटी के माध्यम से पूरी की जाएगी. राज्य में पहले ऐसी कोई नीति न होने के कारण होमस्टे संचालकों को केंद्र सरकार के निधि प्लस पोर्टल पर पंजीकरण कराना पड़ता था. अब राज्य सरकार की इस नई नीति के तहत वे स्थानीय निकायों की अनापत्ति लेकर सरल प्रक्रिया से पंजीकरण कर सकेंगे. इस नीति के कारण पर्यटन उद्योग और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा मिलेगा.
अन्नपूर्णा भवनों को होगा निर्माण
सुरेश खन्ना के अनुसार, प्रदेश में राशन वितरण की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए हर जिले में अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण कराए जाने को मंजूरी दी गई है. इस फैसले के तहत हर जिले में 75 से 100 अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण प्रति वर्ष कराया जाएगा. इन भवनों के अनुरक्षण इत्यादि की व्यवस्था का भी प्रावधान किया गया है.
इन भवनों के निर्माण में गति लाने के लिए राजकोषीय बचत से भी अन्नपूर्णा भवनों के निर्माण का निर्णय लिया गया है. इसके साथ ही कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017' के तहत मेगा श्रेणी के औद्योगिक उपक्रमों द्वारा पांच इकाइयों को प्रोत्साहन धनराशि देने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई है. इसके तहत पहली किस्त 8.68 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति दे दी गई.