लखनऊ: इस साल होली के पहले संभल में विवादित बयान देने वाले क्षेत्राधिकारी (सीओ) अनुज चौधरी को योगी सरकार ने शनिवार को हटा दिया. उन्हे अब जिले में ही चन्दौसी सर्किल का सीओ बनाया गया है. जबकि उनकी जगह एएसपी आलोक कुमार को संभल का नया सीओ बनाया गया है. अनुज बीते साल संभल में हुई हिंसा के बाद से लगातार चर्चा में बने हुए थे.
होली के दौरान जुमे की नमाज को लेकर दिए गए उनके बयान को लेकर उनपर जांच चल रही है. इसी दरमियान अचानक उनके हटाए जाने से अब राज्य में जातीय राजनीति को सियासी चर्चाओं ने जो पकड़ लिया है, कहा जा रहा है कि करणी सेन के उग्र विरोध से गरमाई राजनीति पर अंकुश लगाने के लिए ही योगी सरकार ने यह फैसला लिया है.
यह विवादित बयान दिया था अनुज ने :
इस फेरबदल के तहत संभल पुलिस में बड़ा फेरबदल करने की अनुमति प्रदेश सरकार ने दी. जिसके चलते एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने सीओ स्तर पर बदलाव करते हुए तीन सर्किलों में नए अधिकारियों की तैनाती की है. इस बदलाव के तहत अपने बेबाक बयानों के कारण सुर्खियों में रहने वाले संभल के क्षेत्राधिकारी (सीओ) अनुज चौधरी को चंदौसी सर्किल भेजा गया.
जबकि उनकी जगह एएसपी आलोक कुमार को संभल का नया सीओ बनाया गया है बहजोई सर्किल में तैनात क्षेत्राधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार सिंह को वहां से हटाकर अब यातायात सीओ की जिम्मेदारी दी गई है. अब तक ट्रैफिक सीओ रहे संतोष कुमार सिंह को लाइन भेजा गया है. यूपी डायल 112 की जिम्मेदारी भी उन्हें सौंपी गई है और चंदौसी में कार्यरत क्षेत्राधिकारी आलोक सिद्धू को अब बहजोई सर्किल की कमान दी गई है.
इन अधिकारियों की बदली गई तैनाती में अनुज चौधरी को दिए गए नए दायित्व को ही सबसे अधिक महत्व दिया जा रहा है. इसकी वजह है इस साल होली के ठीक पहले दिए गए उनके विवादित बयान की देश भर में हुई चर्चा है. अनुज चौधरी ने होली और जुमा के अवसर पर पीस कमेटी की बैठक में कहा था कि होली साल में एक और जुमा 52 बार आता है. अगर किसी को रंग से परहेज है तो वह घर से बाहर न निकले.
उन्होंने यह भी कहा था कि अगर ईद की सिवइयां खिलानी हैं तो होली की गुजिया भी खानी पड़ेगी. उनका यह बयान देश भर में चर्चा का मुद्दा बना था. और उन्हे संभल से हटाए जाने की मांग की गई थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों की इस मांग पर तवज्जो नहीं दी और अनुज चौधरी के कथन का समर्थन किया. इसलिए हटाए गए अनुज चौधरी :
इसी दरमियान रिटायर आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर जो आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं ने अनुज चौधरी के विवादित बयान पर आपत्ति जताते हुए इस मामले में जांच कराने की मांग की. अमिताभ ठाकुर का कहना था कि अनुज चौधरी लगातार सेवा नियमावलियों तथा वर्दी नियमावलियों का उल्लंघन कर रहे हैं.
बिना अधिकारिता के बयानबाजी करते हैं. पुलिसिंग तथा अपने कार्यों को जानबूझकर सांप्रदायिक रंग देने, सेवा नियमावलियों से इतर कार्य कर माहौल को तनावग्रस्त करने में लगे हैं.
इस कारण एक वर्ग विशेष में असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो रही है. अमिताभ ठाकुर के इस आरोपों की जांच एएसपी श्रीश्चंद्र द्वारा की गई. एएसपी श्रीश्चंद्र की जांच में अनुज चौधरी को क्लीन चिट दे दी गई. तो अमिताभ ठाकुर ने इस मामले को डीजीपी प्रशांत कुमार से पास ले गए और प्रशांत कुमार ने अनुज चौधरी को दी गई क्लीन चिट को निरस्त कर नए सिरे से जांच कराने का आदेश दिया.
कहा जा रहा है कि अनुज चौधरी के विवादित बयान देने के बाद भी उनके खिलाफ कोई भी एक्शन ना लिए जाने का मामला जिस तरह से तूल पकड़ रहा था, उसका संज्ञान लेते हुए ही उन्हे संभल के क्षेत्राधिकारी के पद से हटाया गया है. ताकि उनके जरिए राज्य में जातीय सियासत को हवा ना मिले.
फिलहाल रिटायर आईपीएस अमिताभ ठाकुर को लोग बधाई दे रहे हैं और कह रहे हैं कि उनकी मुहिम का ही असर है कि योगी सरकार को विवादित बयान देने वाले अनुज चौधरी को हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा है.