UN ने माना कश्मीर में बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेहतर हो रहे हालात, 12 साल बाद 'अपमानजनक सूची' से भारत को किया बाहर

By अंजली चौहान | Published: June 29, 2023 12:11 PM2023-06-29T12:11:04+5:302023-06-29T12:20:15+5:30

महिला और बाल विकास मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत बाल कल्याण समिति और किशोर न्याय बोर्ड जैसी सभी वैधानिक सेवा वितरण संरचनाएं स्थापित की गई हैं। बच्चों की बेहतर सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के मद्देनजर, भारत को 2023 की रिपोर्ट से हटा दिया गया है।

UNSG admits that the situation is getting better regarding the safety of children in Kashmir after 12 years India has been removed from the humiliating list | UN ने माना कश्मीर में बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेहतर हो रहे हालात, 12 साल बाद 'अपमानजनक सूची' से भारत को किया बाहर

फाइल फोटो

Highlightsयूएन की रिपोर्ट बच्चों और सशस्त्र संघर्ष प्रभाव की लिस्ट से भारत को हटा दिया 12 साल बाद ऐसा संभव हुआ कि भारत इस अपमानजनक लिस्ट से बाहर हैजम्मू कश्मीर में हालात पहले से बेहतर हुए है यूएनएसजी ने ये माना है

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में जब से धारा 370, 35ए को हटाया गया है तब से राज्य को अपनी एक नई पहचान मिली है। संयुक्त राष्ट्र महासंघ ने भी ये माना है कि भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर में बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेहतर काम किया है।

गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने जम्मू-कश्मीर में सशस्त्र समूहों द्वारा लड़कों की कथित भर्ती और उपयोग तथा सुरक्षा बलों द्वारा उनकी हिरासत, हत्या और अपंगता को लेकर बच्चों और सशस्त्र संघर्ष पर एक रिपोर्ट में उल्लिखित देशों की सूची से भारत को हटा दिया है।

भारत के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। साल 2010 के बाद यह पहली बार है कि रिपोर्ट में बुर्किना फासो, कैमरून, लेक चाड बेसिन, नाइजीरिया, पाकिस्तान और फिलीपींस जैसे देशों के साथ भारत का नाम नहीं लिया गया है।

जानकारी के अनुसार, 'बच्चे और सशस्त्र संघर्ष' पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार द्वारा 'बच्चों की बेहतर सुरक्षा' के लिए उठाए गए कदमों के मद्देनजर भारत को '2023 में रिपोर्ट से हटा दिया गया' है। 

भारत सरकार ने जताई खुशी 

यूएन की रिपोर्ट के सामने आने के बाद महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधिकारी ने बुधवार को कहा कि 2019 के बाद से विभिन्न नीतियों और संस्थागत परिवर्तनों की शुरूआत के कारण यह संभव हो सका।

भारत सरकार के बाल विकास मंत्रालय की ओर से एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी के मार्गदर्शन और नेतृत्व में मंत्रालय द्वारा बाल संरक्षण मुद्दों पर सहयोग के लिए एक रोड मैप विकसित किया गया था।

इस मामले पर संयुक्त राष्ट्र के साथ लगातार संपर्क में रहे डब्ल्यूसीडी सचिव इंदीवर पांडे ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत की।

उन्होंने बताया कि यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, 12 साल की अवधि के बाद हमारा नाम इस सूची से हटा दिया गया है। जम्मू-कश्मीर में पहले सिस्टम मौजूद ही नहीं थे।

उन्होंने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम लागू नहीं किया गया था और वहां के किशोर गृह ठीक से काम नहीं कर रहे थे। पांडे ने कहा, ''बाल कल्याण समितियां, किशोर न्याय बोर्ड, बाल देखभाल गृह जैसे अन्य बुनियादी ढांचे स्थापित किए गए हैं।''

पांडे ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र द्वारा सुझाए गए कई उपाय पहले ही लागू किए जा चुके हैं या चल रहे हैं। हमने बच्चों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा बलों को प्रशिक्षण दिया है। पैलेट गन का इस्तेमाल पहले ही निलंबित कर दिया गया है और जेजे एक्ट और POCSO एक्ट लागू किया जा रहा है।"

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत सरकार लगातार हमारे देश का नाम इस 'अपमानजनक' सूची से बाहर करने के प्रयासों में लगी हुई थी।

नवंबर 2021 में एक अंतर-मंत्रालयी बैठक आयोजित होने के बाद महासचिव (एसआरएसजी) के विशेष प्रतिनिधि के साथ भारत सरकार की चल रही व्यस्तता में तेजी आई और इससे प्राथमिकता वाले राष्ट्रीय की पहचान करने के लिए एक राष्ट्रीय केंद्र बिंदु नियुक्त करने पर सहमति बनी।

बच्चों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए हस्तक्षेप, बाल सुरक्षा के लिए बेहतर सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ अंतर-मंत्रालयी, तकनीकी स्तर की बैठकें आयोजित करने के लिए संयुक्त तकनीकी मिशन।

संयुक्त राष्ट्र महासंघ की रिपोर्ट में क्या कहा गया?

संयुक्त राष्ट्र महासंघ के महासचिव ने रिपोर्ट को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अपनी पिछली रिपोर्ट में, मैंने अपने विशेष प्रतिनिधि के साथ भारत सरकार की भागीदारी का स्वागत किया और कहा कि इस भागीदारी से भारत को चिंता की स्थिति के रूप में हटाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बच्चों की बेहतर सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के मद्देनजर भारत को 2023 की रिपोर्ट से हटा दिया गया है।

Web Title: UNSG admits that the situation is getting better regarding the safety of children in Kashmir after 12 years India has been removed from the humiliating list

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