सरकार ने किसानों को किफायती दर पर उर्वरक मुहैया कराने के लिये गैर-यूरिया उर्वरकों पर सब्सिडी बढ़ाने की बुधवार को घोषणा की। इससे चालू वित्त वर्ष के दौरान खजाने पर 22,875.50 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
कैबिनेट ने उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या को 30 से बढ़ाकर 33 करने की बुधवार को मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि अब उच्चतम न्यायालय में भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) के अलावा 33 न्यायाधीश होंगे। जब संसद इस विधेयक को मंजूरी दे देगी तो उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या सीजेआई समेत 34 हो जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति की बैठक में इससे संबंधित निर्णय लिया गया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने 2019-20 के लिये फॉस्फेट तथा पोटाश वाले उर्वरकों की पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों को मंजूरी दी। इससे 2019-20 के दौरान राजकोष पर 22,875.50 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ने का अनुमान है।’’
उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिये नाइट्रोजन पर 18.90 रुपये प्रति किलोग्राम, फॉस्फोरस पर 15.11 रुपये, पोटाश पर 11.12 रुपये व गंधक पर 3.56 रुपये प्रति किलोग्राम सब्सिडी तय की गयी है। जावड़ेकर ने कहा कि इससे उर्वरकों के संतुलित इस्तेमाल को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। सरकार ने 2010 में एनबीएस कार्यक्रम की शुरुआत की थी।
केंद्रीय कैबिनेट ने जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए भी आर्थिक रूप से आरक्षण को मंजूरी दे दी। इसको लेकर सरकार एक बिल लाई, जिसे मंजूरी दी गई। इस मंजूरी के साथ ही राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को शैक्षिण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण मिलने का रास्ता साफ हो गया।
31 जुलाई 2019 को मोदी कैबिनेट द्वारा लिए गए बड़े फैसले...
कैबिनेट ने जम्मू और कश्मीर आरक्षण (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2019 को मंजूरी दी। यह मौजूदा संस्थानों के साथ-साथ शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक रोजगार में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10% तक आरक्षण के लाभ को बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
चिट-फंड बिल को कैबिनेट ने मंजूरी दी। इसको रेगुलेट करने के लिए विधेयक आएगा। इसको लेकर पहले भी विधेयक संसद में आया था, लेकिन लोकसभा खत्म होने की वजह से अब दोबारा बिल लाया गया है।
मंत्रिमंडल ने शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाह्य अंतरिक्ष के अन्वेषण और उपयोग में सहयोग पर ISRO और बोलिवियाई अंतरिक्ष एजेंसी के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी। इस समझौता ज्ञापन पर भारत द्वारा 11 मार्च 2019 को बेंगुलुरु और 28 मार्च 2019 को बहरीन द्वारा मनामा में हस्ताक्षर किए गए।