नई दिल्ली: केंद्रीय रेल एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने पिछले दिनों कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को देश का नंबर एक आतंकी करार दिया था। इतना ही नहीं महाराष्ट्र भाजपा के सहयोगी दल के एक नेता तो यहां तक कह दिया था कि जो राहुल गांधी की जुबान काट कर लाएगा उसे 11 लाख रुपए दिए जाएंगे। फिर, इसके बाद कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आ गई थी। इसके बाद मामला गर्म होता देख कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर संबोधित किया, यही नहीं इन बातों का उल्लेख अपने पत्र में किया और कहा था कि इन पर अनुशास्तमक कार्रवाई करने का अनुरोध किया था।
फिलहाल, जवाब में अब भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष और केंद्र सरकार में स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखकर कह दिया कि आप किस मजबूरी में राहुल गांधी को सही ठहराने में लगे हुए हैं?
मल्लिकार्जुन खड़गे का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र..मुझे दुःख के साथ कहना पड़ता है कि भारतीय जनता पार्टी और आपके सहयोगी दलों के नेताओं ने जिस हिंसक भाषा का प्रयोग किया है, वह भविष्य के लिए घातक है। विश्व हैरान है कि केंद्र सरकार में रेल राज्य मंत्री, भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के मंत्री, लोक सभा में प्रतिपक्ष के नेता को "नंबर एक आतंकवादी" कह रहे हैं। महाराष्ट्र में आपकी सरकार में सहयोगी दल का एक विधायक, नेता प्रतिपक्ष की "जुबान काट कर लाने वाले को 11 लाख रुपए का इनाम" देने की घोषणा कर रहे हैं। दिल्ली में एक भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक, उनका "हश्र दादी जैसा" करने की धमकी दे रहे हैं।
भारतीय संस्कृति अहिंसा, सद्भाव और प्रेम के लिए विश्व भर में जानी जाती है। इन बिंदुओं को हमारे नायकों ने राजनीति में मानक के रूप में स्थापित किया। गांधीजी ने अंग्रेजी राज में ही इन मानकों को राजनीति का अहम हिस्सा बना दिया था। आजादी के बाद संसदीय परिधि में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सम्मानजनक अहसमतियों का एक लंबा इतिहास रहा है। इसने भारतीय लोकतंत्र की प्रतिष्ठा को बढ़ाने का काम किया।
कांग्रेस के करोड़ों कार्यकर्ता और नेता इस बात को लेकर बहुत उद्वेलित और चिंतित हैं। क्योंकि ऐसी घृणा फैलाने वाली शक्तियों के चलते राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी, और राजीव गांधी को शहादत देनी पड़ी है। सत्ताधारी दल का यह राजनीतिक व्यवहार लोकतांत्रिक इतिहास का अशिष्टतम उदाहरण है।