कानपुर/कन्नौज (उप्र), 24 दिसंबर पड़ोसी जिले कन्नौज में इत्र उद्योग समेत अन्य कारोबार से जुड़े कानपुर के कारोबारी के आवास और अन्य परिसरों पर छापेमारी में करोड़ों रुपये की कथित बेहिसाबी नकदी की बरामदगी का दावा किया गया है।
जीएसटी खुफिया और आयकर विभाग के एक सूत्र ने शुक्रवार को बताया कि कारोबारी के यहां से केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी), आयकर विभाग और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की खुफिया इकाई ने कथित तौर पर 150 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी बरामद की है।
हालांकि, अधिकारियों ने छापेमारी में बरामद राशि की न तो पुष्टि की और न ही खंडन किया। सोशल मीडिया मंचों पर वायरल हो रही छापेमारी की कथित कुछ तस्वीरों में कानपुर में कारोबारी पीयूष जैन के आवासीय परिसर में बड़ी-बड़ी अल्मारियों में नकदी के ढेर दिखाई देते हैं।
नाम उजागर न करने की शर्त पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बृहस्पतिवार को कानपुर, गुजरात और मुंबई में कई ठिकानों पर छापेमारी शुरू की गई थी। उन्होंने कहा कि कर अधिकारियों ने शहर में पान मसाला और अन्य सुगंधित तंबाकू उत्पादों के 'शिखर' ब्रांड के निर्माण कारखाने पर भी छापा मारा।
अधिकारी ने बताया कि रिहायशी परिसरों में छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में कागज में लिपटी नकदी बरामद हुई है। अधिकारी ने कहा कि बरामद रकम कथित रूप से एक माल ट्रांसपोर्टर द्वारा नकली चालान और बिना ई-वे बिल के माल भेजने से जुड़ी है।
इस बीच, कन्नौज से मिली खबर के अनुसार, अपराह्न करीब तीन बजे वरिष्ठ अधिकारी, जैन के दो बेटों-मोलू और प्रत्यूष के साथ कन्नौज स्थित उनके आवास पर पहुंचे। किसी भी अधिकारी ने इस बारे में कुछ भी बताने से इनकार किया है।
इन छापों के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच सोशल मीडिया पर वाद-विवाद शुरू हो गया।
भाजपा की उप्र इकाई ने ट्वीट में कहा, ''सपाइयो... तुम्हारे पापों की दुर्गंध 'भ्रष्टाचार के इत्र' से नहीं जाएगी। 150 करोड़ रुपये से अधिक काला धन जब्त हुआ है। भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई होती है तो अखिलेश जी को 'दर्द' होना स्वाभाविक है। क्योंकि पूरा यूपी जानता है कि सपा मतलब भ्रष्टाचार।''
वहीं, भाजपा के इस ट्वीट के जवाब में सपा नेता और डिजिटल मीडिया प्रभारी मनीष जगन अग्रवाल ने कहा कि ''कानपुर में शिखर पान मसाला ग्रुप और इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर पड़े छापे और बरामद नकदी नोटबंदी की विफलता की कहानी बयां कर रही है। भाजपा व मीडिया पीयूष जैन और शिखर पान मसाले को सपा से जबरन जोड़कर सपा को बदनाम कर रही हैं।''
उन्होंने कहा कि ''सपा एमएलसी पम्पी जैन से पीयूष जैन का कोई मतलब नहीं है चूंकि कुछ दिन पूर्व सपा से जुड़े लोगों के यहां छापे पड़े थे लेकिन वहां से सरकार और एजेंसियों को कुछ नहीं मिला तथा सपा के लोग पाक साफ निकले।
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