उमेश पाल हत्याकांड: माफिया अतीक अहमद की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई, मार्च में इस दिन होगा फैसला
By अंजली चौहान | Published: March 2, 2023 12:45 PM2023-03-02T12:45:12+5:302023-03-02T12:53:09+5:30
याचिका में कहा गया कि अगर पुलिस कस्टडी में रखकर पूछताछ करनी है तो गुजरात में ही कोर्ट परिसर के आस-पास गुजरात पुलिस की निरगानी में ये सब किया जाए।
नई दिल्ली: उमेश पाल हत्याकांड मामले में फंसे पूर्व सपा सांसद और बाहुबली अतीक अहमद ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। गैंगस्टर अतीक ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी कि उसके खिलाफ यूपी में दर्ज मामले को गुजरात में स्थानांतरित कर दिया जाए। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सहमति जताते हुए जानकारी दी है कि अतीक अहमद की याचिका पर 17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। उम्मीद है कि इसी दिन मामले में कोर्ट अपना फैसला सुना देगी।
दरअसल, बाहुबली अतीक ने यूपी पुलिस से अपनी जान को खतरा बताया है। उसकी ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि यूपी में उसका 'फर्जी एनकाउंटर' किया जा सकता है। अतीक अहमद की ओर से वकील हनीफ खान ने सुप्रीम कोर्च में याचिका दायर की है। याचिका में अहमदाबाद जेल से यूपी जेल में प्रस्तावित ट्रांसफर का विरोध किया गया है।
Umesh Pal murder case | Supreme Court says it will hear Atiq Ahmed's plea seeking protection that he doesn't want to be shifted to UP jail from Gujarat jail, on March 17. pic.twitter.com/hYeC9PIddZ
— ANI (@ANI) March 2, 2023
मरने से डर गया अतीक
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में राज्य के उच्च पदाधिकारियों से उसकी जान को खतरा बताया है। याचिका में कहा गया है कि यूपी सरकार के कुछ मंत्रियों के बयान से ऐसा लग रहा है कि उसका फर्जी एनकाउंटर हो सकता है।
दरअसल, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में विधानसभा में कहा था, "माफियाओं को मिट्टी में मिला दिया जाएगा।" सीएम के इस बयान के बाद उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने भी गाड़ी पलटने की आशंका जता चुके हैं। नेताओं के इन बयानों के कारण ही अतीक ने सुप्रीम कोर्ट की ओर रुख किया है।
अतीक अहमद की ओर से दायर याचिका में ये भी कहा गया है कि अगर उसे यूपी लाया जाता है तो सेंट्रल फोर्स की सुरक्षा दी जाए, वरना उसके मामलों का ट्रायल वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हो।
बता दें कि याचिका में कहा गया कि अगर पुलिस कस्टडी में रखकर पूछताछ करनी है तो गुजरात में ही कोर्ट परिसर के आस-पास गुजरात पुलिस की निरगानी में ये सब किया जाए। याचिका में कोर्ट से जल्द से जल्द मामले की सुनवाई करने की मांग की गई है।