भगोड़े विजय माल्या को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है। साल 2017 में माल्या करीब 1.78 करोड़ पाउंड (करीब 170 करोड़ रुपये) की मोटी रकम एक स्विस बैंक में ट्रांसफर करने में सफल हुआ था। खबर के अनुसार स्विस बैंक के द्वारा 170 करोड़ रुपए विजय माल्या ने ट्रांसफर किए थे, इस पर ब्रिटेन की वित्तीय खुफिया इकाई ने 28 जून 2017 को इसकी जानकारी सीबीआई और ईडी को दी थी। ब्रिटेश सरकार की तरफ सकारात्मक रूख होने के कारण भारतीय बैंकों द्वारा कार्रवाई में प्रक्रियागत देरी की वजह से उसे रोका नहीं जा सका था।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, सीबीआई और ब्रिटेन के जांच अधिकारियों के बीच लंदन में एक बैठक भी हुई थी इसके बाद ही उस पर शिकंजा कसा गया था। खबर के अनुसार जून 2017 में लंदन स्थित ब्रिटिश प्रशासन ने 1.78 करोड़ पाउंड (करीब 170 करोड़ रुपये) की मोटी रकम को ट्रांसफर करने की हामी भरी थी। कहा जा रहा है कि 2017 में ही भारतीय जांच एजेंसियों को इसकी जानकारी यूके फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट ने दे दी थी।
ऐसे में खबरों के अनुसार इसके बाद भारतीय एजेंसी सक्रिय भी हुई थीं, लेकिन भारतीय बैंक इस मामले में प्रक्रियागत कार्रवाई करने के लिए ज्यादा समय मांग रहे थे जिसकी वजह से इस ट्रांसफर को रोका नहीं जा सका। ब्रिटेन में स्थिति माल्या की संपत्ति को इससे फ्रीज किया गया था। क्योंकि इसके बाद भारतीय बैंकों के कसोर्शियम ने मिलकर ब्रिटेन सरकार से निवेदन किया था कि माल्या की ब्रिटेन में स्थित संपत्ति को फ्रीज किया जाए।
वहीं, कहा जा रहा है कि यूके की कोर्ट को यह पता चला कि फरवरी, 2016 में माल्या ने डियाजियो से मिली 4 करोड़ डॉलर (करीब 290 करोड़ रुपये) की राशि को टुकड़े-टुकड़े में उन ट्रस्ट के बैंक अकाउंट में डाल दिया था, जिसके लाभार्थी उसके बच्चे हैं।
वहीं, हाल ही में विजय माल्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट के वकील के दावे पर एसबीआई ने सफाई दी है। एसबीआई की अध्यक्ष अरुंधती भट्टाचार्य ने मीडिया से बताया कि दवे कह सकते हैं कि उन्हें क्या कहना है। मैं अब एसबीआई के साथ नहीं हूं और आप वर्तमान एसबीआई प्रबंधन से प्रतिक्रियाओं के लिए संपर्क कर सकते हैं। वहीं, एसबीआई के प्रवक्ता ने कहा कि किंगफिशर एयरलाइंस समेत लोन के सभी डिफॉल्ट मामलों से निपटने में बैंक या किसी अधिकारी द्वारा लापरवाही बरती गई है।
दवे ने कहा कि एसबीआई के कानूनी सलाहकार एसबीआई के चार शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक के लिए आए थे। बैठक में इस बात पर सहमति हुई कि विजय माल्या को देश छोड़ने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट से आदेश लेने कि लिए वो सोमवार को सुबह मिलेंगे। लेकिन एसबीआई के अधिकारी नहीं आएं। आखिरकार जब विजय माल्या देश से भागने में कामयाब हो गया तो एसबीआई के नेतृत्व वाले 17 बैंकों ने 5 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।