'राम मंदिर ट्रस्ट सिर्फ ब्राहमणों के भरोसे कैसे छोड़ा जाए?', उदित राज के बयान पर कलह, कांग्रेस के नेताओं ने ही घेरा
By पल्लवी कुमारी | Published: February 7, 2020 01:49 PM2020-02-07T13:49:51+5:302020-02-07T13:49:51+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 फरवरी को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए संसद में श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का ऐलान किया था।
पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता उदित राज ने राम मंदिर ट्रस्ट पर एक बयान देकर अलग ही विवाद को जन्म दे दिया है। पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता उदित राज ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा है कि 'राम मंदिर ट्रस्ट सिर्फ ब्राहमणों के भरोसे कैसे छोड़ा जा सकता है।' उदित राज ने गुरुवार (6 फरवरी) को अपने अधिकारिक ट्विटर से ट्वीट किया और लिखा, 'भारत में हुई आखिरी जनगणना के मुताबिक, दलितों की आबादी ब्राह्मणों से तीन गुना है फिर 'सरकारी' राम मंदिर ट्रस्ट सिर्फ ब्राह्मणों के भरोसे कैसे छोड़ा जाए। सरकार बेईमानी कर रही है। बहुजनों से लठैती करवाती है और माल (ट्रस्ट) उड़ाए ब्राह्मण।' उदित राज के बयान पर कांग्रेस नेताओं ने ही नाराजगी जताई है।
जो भी विषय हो , कांग्रेस की परंपरा किसी भी जाति या समुदाय पर प्रहार करने की नहीं है।मेरा मानना है कि कांग्रेस की नीति अनुसूचित जातियों के पक्ष में विशेष सकारात्मक प्रावधानों के साथ सभी के लिए समान अवसर की है। https://t.co/UptuG1Sxq1
— Jitin Prasada (@JitinPrasada) February 7, 2020
कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने उदित राज के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, ''जो भी विषय हो , कांग्रेस की परंपरा किसी भी जाति या समुदाय पर प्रहार करने की नहीं है। मेरा मानना है कि कांग्रेस की नीति अनुसूचित जातियों के पक्ष में विशेष सकारात्मक प्रावधानों के साथ सभी के लिए समान अवसर की है।''
ब्राह्मण होना पाप नहीं। मेरी चुनौती है कि कोई भी व्यक्ति इस विषय पर बहस कर ले। https://t.co/Naw3IucVyY
— Rajiv Tyagi (@RTforINC) February 6, 2020
वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव त्यागी ने लिखा- 'ब्राह्मण होना पाप नहीं। मेरी चुनौती है कि कोई भी व्यक्ति इस विषय पर बहस कर ले।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 फरवरी को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए संसद में श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का ऐलान किया था। इसमें 15 सदस्य हैं।
पीएम मोदी ने संसद में कहा था कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे, जिनमें एक दलित और एक महिला सदस्य को भी जगह दी जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन तथा मस्जिद के लिए जमीन देने की पेशकश की एक सप्ताह के भीतर घोषणा किए जाने की संभावना है।
उच्चतम न्यायालय ने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुद्दे का निपटारा करते हुए अपने ऐतिहासिक फैसले में मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था और इसके लिए ट्रस्ट के गठन तथा मस्जिद के लिए जमीन देने का निर्णय किया था। मंत्रालय ने राम मंदिर निर्माण के वास्ते ट्रस्ट बनाने के लिए एक आधारभूत ढांचा तैयार किया है और उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी जाने वाली जमीन की पहचान की है।