उद्धव ठाकरे ने केंद्र को लिखा खत, की महाराष्ट्र का 15500 करोड़ रुपये का 'बकाया' तुरंत जारी करने की अपील
By अभिषेक पाण्डेय | Updated: December 12, 2019 13:31 IST2019-12-12T13:28:33+5:302019-12-12T13:31:19+5:30
Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने राज्य को मिलने वाले 15500 करोड़ के बकाया टैक्स राशि के भुगतान के लिए केंद्र को खत लिखा है

उद्धव ठाकरे ने केंद्र को दिलाई महाराष्ट्र के जीएसटी के 15500 करोड़ के भुगतान की याद
महाराष्ट्र सरकार ने अपने 15558 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान के लिए केंद्र को खत लिखते हुए इसे जल्द से जल्द जारी करने की अपील की है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे खत में कहा है कि इस पैसे को तुरंत जारी किया, जिससे राज्य का विकास कार्य न प्रभावित हो।
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, उद्धव ठाकरे ने वित्त मंत्री को लिखे खत में कहा है, 'महाराष्ट्र (केंद्र) सरकार से अपने 15558.05 करोड़ रुपये के वैध बकाया पाने का इंतजार कर रहा है। साथ ही वह टैक्स हस्तांतरण में कमी से जूझ रहा है। जीएसटी कंपनसेशन और टैक्स हस्तांतरण के समय पर जारी किए जाने से मेरे राज्य को वित्तीय स्थिति को कुशलता से प्रबंधन करने में मदद मिलेगी।'
उद्धव की केंद्र से अपील, 'जल्द जारी कीजिए महाराष्ट्र का 15500 करोड़ रुपये का बकाया'
ठाकरे ने खत में लिखा है, '2019-20 के केंद्रीय बजट के अनुसार महाराष्ट्र को टैक्स हस्तांतरण 46,630.66 करोड़ रुपये है जो 2018-19 में राज्य द्वारा प्राप्त 41,952.65 करोड़ रुपये से 11.5 फीसदी अधिक है। लेकिन राज्य को अक्टूबर 2019 तक केवल 20.254.92 करोड़ रुपये मिले हैं, जो 2019-20 के लिए अनुमानित बजट से 6,946.29 करोड़ रुपये (25.53 फीसदी) कम हैं। इसलिए, अधिक राशि प्राप्त करने के बजाय राज्य को बजट राशि से कम राशि प्राप्त हुई है।'
मुख्यमंत्री ठाकरे ने लिखा है कि दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में सुस्ती के साथ ही टैक्स हस्तांतरण में और कमी आने की संभावना है।
उन्होंने कहा, 'अर्थव्यवस्था में सुस्ती की वजह से जीएसटी संग्रह में 14 प्रतिशत की बेंचमार्क वृद्धि की तुलना में कलेक्शन में कमी आई है। चालू वित्त वर्ष के दौरान, हमें केवल पहले चार महीनों के लिए जीएसटी मुआवजे के रूप में 5,635 करोड़ रुपये मिले हैं। हालांकि, नवंबर 2019 तक जीएसटी मुआवजे के रूप में 8,611.76 करोड़ रुपये की राशि देय है।'
ठाकरे ने साथ ही लिखा है कि इंटिग्रेटेड गुड्स ऐंड सर्विस टैक्स या IGST निपटान 2017-2018 में वित्त आयोग के टैक्स हस्तांतरण के आधार पर किया गया, बजाय के IGST निपटान के लिए बने फॉर्मेले के।
मुख्यमंत्री ने लिखा है, 'कैग की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2018 में समाप्त वर्ष में, ये देखा गया कि कई लेनदेने के लिए IGST निपटारा नहीं हो है। यह आंशिक रूप से IGST के तहत भारी न सुलझाए गए बकाया के संग्रहण के लिए जिम्मेदार है। इसकी वजह से मेरे राज्य के लिए IGST निपटारे के बकाया में कमी आई है।'
ठाकरे ने कहा, 'मैं आपसे निवेदन करता हूं कि इस मामले को देखिए और बकाया राशि का भुगतान कीजिए, ताकि महाराष्ट्र राज्य के विकास कार्य प्रभावित न हों।'