मुंबई, 29 नवंबर भाजपा नेता एवं राज्यसभा सदस्य उदयनराजे भोसले ने रविवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के आरक्षण का मामला जानबूझकर लटकाया जा रहा है।
उन्होंने लोगों से कहा कि वे आरक्षण के मामले को लटकाने के लिए जिम्मेदार लोगों से जवाब मांगे।
भोसले ने संवाददाताओं से कहा कि मराठा समुदाय के आरक्षण को मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू होने के समय भी नजरअंदाज कर दिया गया, क्योंकि उस समय (1990 में) राज्य में सत्ता में रही पार्टी ने समुदाय की समस्याएं नजरअंदाज कीं।
उस समय राकांपा प्रमुख शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे।
भोसले ने कहा, ‘‘मराठा समुदाय के अलावा शेष सभी समुदायों को मंडल आयोग के तहत आरक्षण दिया गया।’’
उन्होंने ‘‘इस मामले को आगे नहीं ले जाने के लिए’’ उद्धव ठाकरे नीत सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि ‘‘राज्य सरकार का वकील’’ उच्चतम न्यायालय में आरक्षण के मामले पर सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि ‘‘समुदाय इस प्रकार के पैंतरों का जवाब देगा’’।
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने ‘‘पहल की और मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए कानून लागू किया’’।
भोसले ने कहा कि महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) परीक्षा अब उन सीटों को अलग रखकर आयोजित की जानी चाहिए, जो मराठा समुदाय के आरक्षण के तहत दी जानी हैं, क्योंकि इस मामले पर न्यायालय में सुनवाई चल रही है।
न्यायालय ने नौकरियों एवं शिक्षा में मराठा समुदाय को आरक्षण देने के 2018 के कानून को लागू करने पर हाल में रोक लगाते हुए इस मामले को वृहद संविधान पीठ के पास भेज दिया था।
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